कोलकाता: विपक्ष की यह शिकायत आम है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार, राज्य की परियोजनाओं का श्रेय ले लेती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शुक्रवार को फिर इस ओर ध्यान आकर्षित किया। एक आधिकारिक समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी से मुखातिब होते हुए ममता ने 'एलान' किया कि जिस परियोजना का उद्घाटन उन्हें (पीएम को) करना है, दरअसल उसका शुभारंभ राज्य सरकार बहुत पहले कर चुकी है। अवसर था कोलकाता में चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के दूसरे परिसर के शुभारंभ का। पीएम ने दिल्ली से वर्चुअली समारोह में शिरकत करते हुए यह उद्घाटन किया। वे ऑनलाइन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।
जब ममता की बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा, 'मैं पीएम के कारण इस कार्यक्रम में आई हूं क्योंकि प्रधानमंत्रीजी वर्चुअली इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर रहे हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मुझे दो बार फोन किया, ऐसे में मैंने सोचा कि कोलकाता के इस कार्यक्रम में पीएम ने रुचि ली है। मैं उन्हें जानकारी देना चाहती हूं कि हमने इस कार्यक्रम से पहले उद्घाटन किया है। हमने यह कैसे किया?
उन्होंने कहा, जब कोविड शुरू हुआ तो हमें कोविड सेंटर की जरूरत महसूस हुई। यहां एक दिन चितरंजन कैंपस के दूसरे कैंपस राजारहट गई। मैंने देखा कि यह राज्य सरकार से संबंधित है और हमने इसका उद्घाटन किया।'
ममता ने यह भी कहा, 'प्रधानमंत्री यह जानकार खुश होंगे कि हम 25 फीसदी फंड के अलावा आवर्ती खर्च भी वहन कर रहे हैं। हमने इस कैंपस के निर्माण के लिए 11 एकड़ जमीन दी है।' उन्होंने कहा, 'इसलिए केंद्र और राज्य को लोगों के हित में मिलकर काम करना चाहिए।' प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस वर्चुअली कार्यक्रम में बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की भागीदारी भी सुनिश्चित की हालांकि सीएम ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए आपत्ति जताई थी। ममता ने पीएम के साथ जब स्टेज शेयर किया था तो उन्होंने भाजपा समर्थकों के 'जय श्री राम' के नारों पर ऐतराज जताते हुए भाषण देने से इंकार कर दिया था।