कोलकाता: भाजपा का साथ छोड़ पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने रविवार को कहा कि जिंदगी ने सार्वजनिक मामलों से “रिटायर्ड हर्ट” (सक्रिय न रहने) होने की आशंका के बजाए उनके लिये एक नया रास्ता खोल दिया है। सुप्रियो ने कहा कि उन्हें किसी को कुछ साबित नहीं करना है और वह 2014 में आसनसोल से भाजपा के टिकट पर सांसद बनने के बाद से ही जमीनी स्तर की राजनीति करते रहे हैं।
टीएमसी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुप्रियो ने कहा, “सार्वजनिक जीवन से रिटायर्ड हर्ट होने की संभावना के बजाए जिंदगी ने मेरे लिये एक नया रास्ता खोल दिया है।” उन्होंने कहा, “मुझे उस पार्टी (टीएमसी) से काफी प्यार और समर्थन मिला है, जिसके साथ मेरे रिश्ते खराब रहे हैं।” उन्होंने कहा कि मैं पार्टी बदलकर कोई इतिहास नहीं बना रहा हूं। इससे पहले भी कई बड़े नेताओं ने पार्टी बदली है। मैं सीएम ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे अपनी 'प्लेइंग 11' टीम में मौका दिया।
उन्होंने कहा, मुझे सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की जानकारी है। इसका सामना करने के लिए मैं तैयार हूं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पिछले सात सालों से राजनीति में हूं और यहां भी बेहतर करने की हरसंभव कोशिश करूंगा। मुझे लगा कि जनकल्याण के लिए (टीएमसी में शामिल होने पर) यह एक अच्छा अवसर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं आसनसोल से सांसद हूं, मैं बुधवार को दिल्ली जाऊंगा अगर स्पीकर मुझे समय देंगे तो मैं उसी दिन इस पद से इस्तीफा दे दूंगा।
वहीं इससे पहले शनिवार को टीएमसी में शामिल होने के बाद बाबुल सुप्रियो ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि मुझे अपना फैसला बदलने पर गर्व है। बंगाल की सेवा करने के लिए टीएमसी में आया हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं सोमवार को दीदी से मिलूंगा। मैं गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत हूं।
हालांकि इस दौरान उन्होंने संन्यास के एलान पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि जब मैंने कहा था कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं, मैंने ये दिल से कहा था। मेरे सभी दोस्तों ने कहा था कि राजनीति छोड़ने का मेरा फैसला गलत है और भावावेश में लिया गया है।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटाए जाने के बाद कई हफ्तों तक कभी नरम तो कभी गरम तेवर दिखाने वाले भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को टीएमसी का दामन थामकर लोगों को चौंका दिया था। आसनसोल संसदीय सीट से दूसरी बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे सुप्रियो ने पूर्व में कहा था कि वह राजनीति छोड़ देंगे। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने बाद में उन्हें लोकसभा का सदस्य बने रहने के लिये मना लिया था।