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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं मगर सियासी हलचल अभी से ही तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल में भाजपा से मिल रही कड़ी टक्कर के बीच अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार आज यानी 1 दिसंबर से बंगाल के लोगों को साधने के लिए अपने सबसे बड़े संपर्क अभियान 'दुआरे- दुआरे पश्चिम बोंगो सरकार' (प्रत्येक द्वार बंगाल सरकार) नाम से नया अभियान शुरू कर दिया है। 

पिछले दस सालों में टीएमसी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं-नीतियों और विकास के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने और उनकी शिकायतें सुनने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'दुआरे सरकार' अभियान के तहत लगभग एक दर्जन सरकारी कार्यक्रमों और उसके लाभार्थियों या उन लोगों से जुड़ी शिकायतों को सुना जाएगा। 

 

सभी ब्लॉकों के प्रत्येक गांव में लगेंगे चार शिविर

इसके लिए आज यानी 1 दिसंबर से 29 जनवरी के बीच राज्य के सभी 344 ब्लॉकों में प्रत्येक गांव और नागरिक निकाय में कम से कम चार शिविर लगाए जाएंगे। लोग इन शिविरों में आ सकते हैं और इस दौरान सरकारी अधिकारी मनरेगा जॉब कार्ड, हेल्थ कार्ड, जाति प्रमाण पत्र सहित विभिन्न सरकारी सुविधाओं का उपयोग करने में उनकी मदद करेंगे। 

ममता बनर्जी सरकार द्वारा पहले ही जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया गया है कि वह बांग्ला सहायता केंद्रों पर जोर दें। जिसके द्वारा लोगों को सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं के बारे में आसानी से निशुल्क सूचना मिल सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राज्य सरकार ने 3400 केंद्रों में 6800 से अधिक लोगों को तैनात किया है, जो सरकारी परियोजनाओं और सुविधाओं के बारे में लोगों को जानकारी दें और उनतक लोगों को पहुंचाने में मदद करें।"

भाजपा ने बताया चुनावी स्टंट

भारतीय जनता पार्टी ने दुआरे सरकार योजना पर राज्य की आलोचना की है और इसे एक चुनावी पैंतरा बताया है। उन्होंने कहा है कि यह सरकारी कार्यक्रम है या चुनाव से पहले टीएमसी द्वारा शुरू किया गया एक संपर्क अभियान। 

बता दें, आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ टीएमसी को भाजपा से कड़ी चुनौती मिलने की पूरी संभावना है। 2019 कद लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 40% वोट हासिल किए थे और राज्य की 42 सीटों में से 18 सीटों पर विजय हासिल की थी।

 

 

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