नई दिल्ली: कृषि विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई किसान संगठनों ने आज राष्ट्रव्यापी भारत बंद बुलाया है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, अखिल भारतीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन द्वारा देशव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया है। पश्चिम बंगाल में वाम दलों से जुड़े किसान संगठनों के सदस्यों ने कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग लेकर शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन किया।
माकपा के किसान मोर्चे 'सारा भारत कृषक सभा' और भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक तथा आरएसपी जैसे वाम साझेदारों से जुड़े किसान संगठनों ने कई जिलों में रैलियां निकालीं और कुछ देर के लिए सड़कें भी जाम कीं। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सब्जियां तथा कृषि उत्पाद लेकर जुलूस निकाला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ नारेबाजी की। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि यह विधेयक किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे और एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह बनी रहेगी।
इसके बावजूद किसान संगठनों का कहना है कि यह विधेयक कॉरोपोरेट्स को फायदा पहुंचाने वाले हैं। इसी के चलते देशभर में बंद बुलाया गया है। विरोध की वजह से पंजाब-हरियाणा और बिहार में सड़क मार्ग प्रभावित हो गया है। कई जगहों पर किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं।
सारे प्रावधान किसान विरोधी हैं, मंडियां समाप्त हो जाएंगी- गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'ये फासीवादी सोच के लोग हैं, लोकतंत्र में इनका विश्वास नहीं है इसलिए तमाम वो काम कर रहे हैं जिससे जनता का ध्यान हटाया जा सके।' उन्होंने कहा कि ‘विधेयको में किए गए सारे प्रावधान किसान विरोधी हैं, मंडियां समाप्त हो जाएंगी और मुझे बहुत बड़ी बर्बादी के लक्षण दिख रहे हैं।’
मुख्यमंत्री गहलोत ने कृषि विधेयकों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक बड़े शर्मनाक तरीके से पास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘जो कानून बनाया गया, उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का प्रावधान क्यों नहीं किया गया। उससे आप समझ सकते हैं कि हालात बड़े गंभीर हैं और जिस रूप में ये तीनों विधेयक पास किए गए, वो भी बड़े शर्मनाक तरीके से किए गए हैं।’’
कृषि बिल तमिलनाडु के रैयतों को प्रभावित नहीं करेगा- पलानीस्वामी
तमिलनाडु सरकार ने दावा किया कि हाल ही में पारित किए गए तीन कृषि बिल किसानों को प्रभावित नहीं करेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि किसान के हितों के लिए किसी भी हानिकारक कानून को लागू नहीं होने देंगे। तमिलनाडु के कृषि मंत्री आर दोरीकन्नु ने कहा कि राज्य के किसान केंद्रीय कानून से प्रभावित नहीं होंगे।
पंजाब में बिल के विरोध में 'रेल रोको' आंदोलन जारी
पंजाब के किसान मजदूर संघर्ष समिति ने बिल के विरोध में अमृतसर में अपना 'रेल रोको' आंदोलन लगातार जारी रखा है। यह आंदोलन 24 सितंबर से शुरू हुआ है जोकि 26 सितंबर तक चलेगा।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा- एनसीपी भी इस बिल के विरोध में
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि किसानों ने बिल का विरोध किया है क्योंकि उन्हें लगता है कि इस बिल से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। एनसीपी ने भी इसका विरोध किया है। सरकार को पास करने की इतनी भी क्या जल्दी थी? हम कोशिश कर रहे हैं कि ये बिल राज्य में लागू न हों। हमने इस पर एक बैठक आयोजित की है।