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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को खतरे में नहीं देख सकता। मैं मानवाधिकारों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं कर सकता। पुलिस का काम चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मैं आम पुलिसकर्मियों का आभार व्यक्त करता हूं लेकिन उपर में निर्णयलेने वाले उन्हें राजनीतिक काम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रशासन और पुलिस राजनीतिक काम नहीं कर सकते हैं, वे केवल जनता के सेवक हो सकते हैं। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को लगता है कि उनके साथ कुछ नहीं हो सकता है, तो उन्हें बहुत बड़ी गलतफहमी है। कानून हमेशा उनके उपर होता है। कानून की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।

इससे पहले पिछले महीने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया था कि राजभवन को सर्विलांस पर रखा गया है और यह कदम संस्था की पवित्रता को कम करने वाला है।

पिछले एक साल में टीएमसी सरकार के साथ कई मुद्दों पर तनाव के बाद यह चौंकाने वाला दावा करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि राज्य में अराजकता बरकरार है। धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ''मैं आपको बताना चाहता हूं कि राजभवन सर्विलांस पर है। यह राजभवन की शुचिता को कमतर करने वाला है। मैं इसकी शुचिता की रक्षा के लिए हर कोशिश करूंगा।''

एक दिन पहले ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शाम को राजभवन में परंपरागत समारोह से मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर धनखड़ ने उनकी आलोचना की था। राज्यपाल ने कहा था कि समारोह में बनर्जी की अनुपस्थिति से वह 'स्तब्ध' हैं और इसके बारे में कुछ कहने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।

 

 

 

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