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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी बनाम राज्यपाल के बीच तनातनी एक बार फिर देखने को मिली। ममता सरकार पर एक बार फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने काबिल अधिकारियों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं। राज्यपाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि आईएएस तथा आईपीएस अधिकारी अपनी काबिलियत के बल पर अपना रास्ता बनाते हैं और गवर्नेन्स की रीढ़ होते हैं। पश्चिम बंगाल में भी ऐसे कई काबिल अधिकारी हैं। लेकिन अफसोस की बात है, ऐसे सभी को दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने लिखा कि जो राजनैतिक मोहरे बनने के लिए तैयार हैं। वे आगे हैं और सलाहकारों का रोब सहते हैं। 

जगदीप धनखड़ ने प्रशासनिक अधिकारियों से अपील करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि अब वक्त आ गया है, जब आईएएस और आईपीएस अधिकारी इस बीमारी पर ध्यान दें। राजनैतिक निष्पक्षता खत्म होना, कानून और संविधान के शासन पर कायम नहीं रहना ही इसका नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि परिणाम स्वरूप असीमित असंवैधानिक रुख के साथ 'पुलिस स्टेट' गवर्नेन्स लागू होता है और लोकतांत्रिक ढांचे का विनाश हो जाता है।

राज्यपाल ने इसी के साथ ममता बनर्जी को भी टैग किया। 

वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने लिखा कि अफसोस, 'दिमाग में डर बैठा है', और 'सिर शर्म से झुका है'। ममता बनर्जी को टैग करते हुए उन्होंने लिखा कि भले ही कानून एवं व्यवस्था हो, मानवाधिकार की स्थिति हो, या राजनैतिक प्रतिशोध हो। 'सरकार में बैठे लोगों' की मदद से माओवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। गैरकानूनी बम उद्योग फल-फूल रहा है। इसी के साथ उन्होंने स्वामी विवेकानंद का कथन लिखते हुए कहा कि विवेकानंद को याद करें- जागो, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। 

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं। पिछले दिनों राज्यपाल ने सीएम पर आरोप लगाया था कि राजभवन की निगरानी की जा रही है।

 

 

 

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