कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के इस बयान की निंदा की कि भाजपा शासित राज्यों में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को कुत्तों की तरह गोली चलाकर मारा गया। ममता ने कहा कि राज्य पुलिस आंदोलनकारियों पर गोली नहीं चलाएगी। घोष के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल ने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि केंद्र सरकार को इस अपराध के लिए घोष को गोली मार देनी चाहिए।
बनर्जी ने घोष का नाम लिये बिना कहा कि किसी नेता को लोगों पर गोली चलाने के लिए कहना शोभा नहीं देता। बनर्जी ने कहा, 'आपमें से कई चाहते हैं कि बंगाल में गोली चले और इसलिए आप सब ये नाटक कर रहे हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कुछ अप्रिय होता है तो इस तरह की घटनाओं के लिए उकसा रहे लोगों की जिम्मेदारी होगी। तृणमूल की बीरभूम जिला इकाई के प्रमुख मंडल ने कहा, 'दिलीप घोष को गोली चलाकर मार दिया जाना चाहिए। अगर किसी ने सबसे पहले सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है तो वही है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को दिलीप घोष को गोली चलाकर मार देना चाहिए।'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'दिलीप बाबू हमें बताइए कि आपके बयानों को निजी राय माना जाए या आपकी पार्टी की राय।'
सीएबी पर ममता बोलीं- टीएमसी ने ही तो सबसे पहले आवाज उठाई
नागरिकता संसोधन विधेयक को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ संसदीय स्थायी समिति में सबसे पहले उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आवाज उठाई थी। ऐसे में संशोधित नागरिकता कानून पर उनके विरोध पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि संसदीय स्थाई समिति के रिकॉर्ड साफ कहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने समिति की बैठक में कैब पर सबसे पहले विरोध दर्ज कराया था।
उन्होंने अपने खिलाफ बोल रहे विपक्षी दलों से इसकी पड़ताल करने को कहा। वाम दलों और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा था कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ संघर्ष में मेरे और तृणमूल कांग्रेस के योगदान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता या शक नहीं जता सकता। दोनों दलों ने नाम लिये बिना ममता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘गुप्त समझ' होने का आरोप लगाया था।