कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अब जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। गुरुवार को गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया। मंत्रालय ने अब उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा दी है। बताया जा रहा है कि खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के आरोपों के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। जल्द ही सीआरपीएफ के कमांडो जगदीप धनखड़ की सुरक्षा में तैनात हो जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को धनखड़ की सुरक्षा का जिम्मा संभालने का निर्देश दिया है। राज्यपाल को पूरे देश में सुरक्षा कवर दिया जाएगा यानी कि राज्यपाल धनखड़ जब भी देश में कहीं भी जाएंगे। वहां 'जेड' श्रेणी के तहत उनके साथ करीब 8-10 सुरक्षाकर्मी होंगे।
पिछले महीने जादवपुर विश्वविद्यालय में मचा था बवाल
मालूम हो कि पिछले महीने कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय राज्यमंत्री और पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो के साथ छात्रों ने बहुत बुरी तरह बर्ताव किया था। 19 सितंबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में जब सुप्रियो पहुंचे थे तो लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठनों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। न केवल उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी, बल्कि छात्रों ने उनके कुर्ते फाड़ दिए थे, उनके साथ मारपीट कर उनका चश्मा भी तोड़ डाला था।
केंद्रीय मंत्री को बचाकर निकाल लाए थे राज्यपाल
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को बचाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास पहुंचे तो आक्रोशित छात्रों ने उनके साथ भी बदसलूकी की थी। इसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी विश्वविद्यालय पहुंचे थे। दो घंटे की मशक्कत के बाद वह बाबुल सुप्रिया को वहां से निकाल पाने में कामयाब हो पाए थे।
राज्यपाल ने दुर्गा पूजा समारोह में अपमानित महसूस किया था
कोलकाता में पिछले दिनों हुए दुर्गा पूजा महोत्सव में भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपमानित महसूस किया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी चीज उनके संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने के आड़े नहीं आ सकती है। हालांकि उन्होंने कारण नहीं बताया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार, तृणमूल सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्हें सम्मानजनक जगह नहीं दी गई थी। उन्होंने खुद कहा था कि महोत्सव में मैने अपमानित महसूस किया। मैं बहुत दुखी और व्यथित हूं। यह मेरा नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान है। वह इस अपमान को पचा नहीं पाएंगे।