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कोलकाता: ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों को विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ मंगलवार को आगाह किया और कहा कि यह राज्य में काम नहीं करेगी। राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर भाजपा की एक संगोष्ठी में मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एनआरसी के बारे में लोगों को गुमराह कर रही है। इसके बाद, ममता की यह टिप्पणी आई है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि बंगाल अपने आतिथ्य-सत्कार के लिए जाना जाता है और राज्य में विभिन्न धर्मो के लोग अपने-अपने धर्म के अनुसार रहते हैं। लेकिन वे दुर्गा पूजा जैसा त्योहार मनाने के लिए एकत्र होते हैं, जो विभिन्न धर्मों के लोगों को आपस में एकजुट करती है। उन्होंने कहा, 'हमारे राज्य में हर किसी का स्वागत है और हमारे लोगों के आतिथ्य-सत्कार का आनंद लीजिए। लेकिन कृपया कोई विभाजनकारी राजनीति नहीं करिये। यह बंगाल में काम नहीं करेगा।' ममता ने कहा, 'कृपया विभाजनकारी राजनीति को मत फैलाइए। लोगों के बीच दरार पैदा नहीं करें। बंगाल सदियों से हर धर्म के नेताओं का सम्मान करने के लिए जाना जाता है। इसे (इस माहौल को) कभी नहीं बिगाड़ा जा सकता।'

इससे पहले, शाह ने कहा कि केंद्र एनआरसी का विस्तार पश्चिम बंगाल तक करेगा, लेकिन इससे पहले सभी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया जाएगा।

विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'एनआरसी के बारे में बंगाल के लोगों को गुमराह किया जा रहा है... मैं सभी हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन शरणार्थियों को आश्वस्त करता हूं कि उन्हें देश छोड़ना नहीं पड़ेगा, उन्हें भारतीय नागरिकता मिलेगी और उन्हें एक भारतीय नागरिक के सभी अधिकार मिलेंगे।' शाह ने कहा कि सभी घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा।

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