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कोलकाता: कोलकाता के दक्षिणी क्षेत्र में डायमंड हार्बर रोड पर 50 साल पुराने पुल का एक हिस्सा मंगलवार शाम को ढह जाने से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि कई लोग मलबे में दब गये। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी है। इस बीच बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की पांच टीमें कोलकाता भेजी गयी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि चार टीमें पहुंच चुकी हैं। पांचवीं टीम रास्ते में है। सिंह ने इसे बहुत दुखद घटना बताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने इस घटना के सबंध में मुख्मयंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की।

कोलकाता में भीड़भाड़ वाले अलीपुर इलाके में 50 साल पुराना यह पुल व्यस्त समय के दौरान करीब पौने पांच बजे ढहकर रेलवे लाइन पर गिरा। यह पुल माजेरहाट रेलवे स्टेशन के उपर से गुजरता है और सिटी सेंटर को घने आबादी वाले क्षेत्र बेहाला, अन्य दक्षिणी उपनगरीय क्षेत्रों और समीप के दक्षिण 24 परगना जिले से जोड़ता है। पुलिस ने एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। उसके अनुसार इस हादसे में दो महिलाओं समेत 19 अन्य लोग घायल हो गये। घायलों को एसएसकेएम और सीएमआरआई अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

इससे पहले, बचाव कार्य में लगे अग्निशमन कर्मियों ने कहा था कि मलबे से 25 घायलों को निकाला गया है। रात में बचाव कार्य जारी रखने के लिए रोशनी की अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है। एक मिनीबस, चार कारें और चार मोटरसाइकिलें शाम तक मलबे में दबी नजर आयीं। एक चश्मदीद के अनुसार मलबे के नीचे एक मिनीबस और एक निजी कार में कुछ लोग फंसे हुए हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में कहा कि बचाव कार्य करीब करीब पूरा हो गया है और अब केवल सीमेंट की सिल्लियों को काटकर यह देखा जाना है कि वहां कोई फंसा तो नहीं है। उन्होंने कहा कि हजारों लोग इलाके से गुजरते हैं और सरकार को हादसे की जांच करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पुल के ढह जाने के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्य सचिव मलय डे की अगुवाई में एक समिति जांच करेगी। उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी जिनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।’’ उन्होंने इस हादसे में मारे गये व्यक्ति के परिवार के लिए पांच लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, ‘‘मैं बचाव कार्य देखने आया हूं। यह बड़ी त्रासदी है। मैंने सुना कि पुल का रखरखाव पीडब्ल्यूडी और रेलवे के जिम्मे था। मामले की जांच की जरुरत है।’’

नगर निगम में महापौर परिषद के एक सदस्य ने बताया कि 450 मीटर लंबे पुल का निर्माण 1960 के दशक के प्रारंभ में हुआ था और उसका रखरखाव लोक निर्माण विभाग देखता था। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि समीप में मेट्रो रेलवे के खंभों के निर्माण के चलते शायद पुल ढह गया लेकिन इसकी विशेषज्ञों द्वारा तत्काल इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के अनुसार बचाव कार्य पूरा होने के बाद हम तकनीकी जांच शुरु करेंगे। एनडीआरएफ के महानिदेशक संजय कुमार ने कहा कि अर्थमूवर्स (मलबा हटाने में उपयोग में लायी जाने वाली बड़ी मशीन) का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मलबा हटाने के समय में हमें सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखना होगा।’’

पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार सर्कुलर रेलवे सेवाएं और बज बज सियालदह लाइन प्रभावित हुई है। बड़ी संख्या में यात्रियों को इससे असुविधा हुई है। स्थानीय ट्रेन सेवाएं पौने पांच बजे से निलंबित हैं। पुल के ढह जाने के कारण दक्षिण पश्चिम कोलकाता के विशाल क्षेत्रों और समीप के दक्षिण 24 परगना जिले से यातायात अवरुद्ध है।

सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि कोलकाता में माजेरहाट पुल के ढह जाने के बाद बचाव टीम, आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस, अग्निशमन कर्मी मौके पर पहुंच गये हैं। बचाव अभियान चल रहा है। इस बीच रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना ने किसी भी सहायता के लिए तीन टुकड़ियां तैयार रखी हैं। पिछले साढ़े पांच साल में यह तीसरा पुल हादसा है।

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