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नई दिल्ली: असम में एनआरसी के मसौदे पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि हर राज्य में बाहर से आये लोग रहते हैं। असम में संवाद की सभी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। महिलाओं और बच्चों को जेल भेज दिया गया है। यह एक चुनावी राजनीति है। क्या इन लोगों को जबरदस्ती बाहर निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति बांटो और राज करो की है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 में जो लोग आये हैं वे भी भारतीय हैं। ममता ने कहा कि कई परिवार यहां पर 7 पुश्तों से रहते हैं और सभी वैध दस्तावेज देने के बाद भी ऐसे लोगों को लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने केंद्र पर सवाल उठाते हुये कहा है कि सरकार ने इन लोगों के लिये कोर्ट में आवाज क्यों नहीं उठायी है। ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को एक गेम प्लान की तहत अलग-थलग किया जा रहा है। मुझे चिंता है कि लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बनाया जा रहा है। आपको बता दें कि असम में आज राष्ट्रीय नागरिक सिटिजन चार्टर जारी कर दिया गया है। जिसमें 40 लाख लोगों को अवैध पाया गया है। जबकि 2.89 करोड़ का नाम इसमें शामिल किया गया है।

इस लिस्ट के आने के बाद से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मसौदा सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बनाया गया है। इसमें केंद्र या राज्य का लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि "यह ड्राफ्ट सूची है, अंतिम सूची (फाइनल लिस्ट) नहीं है। अगर किसी का नाम फाइनल लिस्ट में भी नहीं आता है, तो भी वह विदेशी न्यायाधिकरण में जा सकता है। किसी के भी विरुद्ध बलपूर्वक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, इसलिए किसी को भी घबराने की ज़रूरत नहीं है।"

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