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कोलकाता: विसर्जन मामले में कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले को खारिज कर दिया है कि मोहर्रम होने के कारण एक अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होगा। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मोहर्रम के दिन विसर्जन की व्यवस्था करने को कहा है। इसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वो मोहर्रम और विसर्जन दोनों के लिए अलग रूट तय करे।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी सरकार ने ये कहकर एक अक्टूबर को विसर्जन पर रोक लगा दी थी कि इससे कानून -व्यवस्था की स्थिति पर असर पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील को नहीं माना। साथ ही नसीहत भी दे दी कि वो राज्य में धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती।

हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है। फैसला आने के बाद सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई, जिसमें तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जाएगी।

माना जा रहा है कि शुक्रवार यानि 22 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका दाखिल की जाएगी।

मुख्यमंत्री ममता ने भी दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करते हुए फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा, " बेशक कोई मेरा गला पकड़ सकता हो लेकिन ये नहीं कह सकता कि मैं क्या करुं। मैं वही करुंगी, जो शांति के लिए जरूरी है।" उन्होंने कहा, "ये टिप्पणियां बहुत अपमानजनक हैं कि मैं केवल एक समुदाय के बारे में सोच रही हूं।"

उन्होंने कहा, "मैं संतुष्टीकरण में यकीन नहीं रखती बल्कि मानवता के धर्म को मानती हूं और चाहती हूं कि सभी धर्मों में भाईचारा और सौहार्द्र बना रहे।" उन्होंने केंद्र सरकार पर बंगाल के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "केंद्र समय समय पर अपनी अलग एजेंसियों की मदद हमें परेशान करने की कोशिश करता रहा है।"

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 30 सितंबर को रात 10 बजे के बाद दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगा दी थी। इस रोक को एक अक्टूबर के दिन जारी रखा गया था। एक अक्टूबर को मोहर्रम है. राज्य सरकार का कहना था कि विसर्जन दो अक्टूबर को किया जाए।

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