नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब केस में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही है। अब लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया है। ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान लिया है। समन जारी कर लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बतौर आरोपी अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने सभी को सात अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है।
लैंड फॉर जॉब मामले मे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप मे लालू और तेजस्वी, तेजप्रताप यादव के खिलाफ ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। लैंड फॉर जंब मामले में पहली बार तेजप्रताप यादव को पहली बार समन भेजा गया। कोर्ट ने माना कि मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ, इसके साथ ही यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया।
दरअसल, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। उन्हें भी जमन जारी किया गया है।
क्या है मामला?
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं। बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है। मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।