पटना: बिहार की पूर्णिया सीट अब महागठबंधन के बीच विवाद का कारण बनती दिख रही है। पप्पू यादव इस सीट से चुनाव लड़ने पर अड़े हैं, तो वहीं आरजेडी ने बीमा भारती को यहां से टिकट दे दिया है। कांग्रेस इस मामले में पप्पू यादव का साथ देती नहीं दिख रही है, जिसके चलते यूं कहें कि 20 मार्च को अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने वाले पप्पू यादव 12 दिन बाद ही अपने फैसले पर पछताते से दिख रहे हैं। उन्होंने अब लालू यादव से पूर्णिया सीट छोड़ने की अपील की है। उन्होंने एलान किया है कि वह पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ेंगे। साथ ही कहा है कि वह 2 तारीख की जगह 4 अप्रैल को नामांकन करेंगे।
अब 4 अप्रैल को भरेंगे नामांकन
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि देशभर में फैले पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के साथी मेरे जन नामांकन में शामिल होना चाहते हैं, उनकी सुविधा के लिए पूर्णिया की महान जनता द्वारा प्रस्तावित नामांकन तिथि 2 अप्रैल की जगह 4 अप्रैल हो गया है। आप सब इसमें शामिल हों, आशीष दें।
बता दें कि पूर्णिया में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी, जिसके लिए 4 अप्रैल नामांकन की आखिरी तारीख है।
पप्पू यादव ने लालू यादव से किया आग्रह
इसके अलावा पप्पू यादव ने राजद द्वारा बीमा भारती को पूर्णिया सीट से उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भी लालू यादव से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। पप्पू ने अपने पोस्ट में लिखा- बिहार में इंडिया गठबंधन के बड़े भाई राजद के प्रमुख आदरणीय लालू जी से पुन: आग्रह है कि वह गठबंधन के हित में पूर्णिया सीट पर पुनर्विचार करें और कांग्रेस के लिए छोड़ दें।
पप्पू यादव ने की थी फ्रेंडली फाइट की बात
पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वो पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अब कांग्रेस नेतृत्व को निर्णय लेना है। उन्होंने फ्रेंडली फाइल की बात कही थी। वहीं बीमा भारती ने टिकट मिलने के बाद कहा था कि पप्पू यादव मेरे अभिभावक हैं। मुझे उनसे आशीर्वाद की उम्मीद है।
अब पप्पू यादव क्या करेंगे: बीजेपी
बता दें कि बिहार में महागठबंधन द्वारा सीट बंटवारे की घोषणा पर बीजेपी के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कटाक्ष किया था कि पूर्णिया सीट राष्ट्रीय जनता दल को दिया जाना कांग्रेस नेता पप्पू यादव के लिए बड़ा झटका है। बिहार के पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद में पिछले हफ्ते अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव अब क्या करेंगे, यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका है। उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। हम लोग चिंतित हैं... जैसा कि उन्होंने कहा था, अब वो पूर्णिया छोड़ेंगे, या दुनिया।'' दरअसल, पत्रकारों से बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री परोक्ष रूप से यादव द्वारा की गई उक्त टिप्पणी कि ‘‘मैं दुनिया छोड़ सकता हूं लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ूंगा'' का जिक्र कर रहे थे।
बिहार में ये हुआ है सीटों के लेकर फैसला
बता दें कि बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन ने शुक्रवार को घोषणा कि थी कि राज्य की 40 लोकसभा सीटों में राजद 26, कांग्रेस 9, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) तीन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।