पटना: बिहार में चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। रविवार को जेडीयू से निकाले जाने के बाद श्याम रजक ने तेजश्वी यादव की उपस्थिति में फिर से आरजेडी ज्वाइन कर ली। बिहार में जब राजद की सरकार थी तो श्याम रजक लालू के करीबी नेता माने जाते थे। वह बिहार की राबड़ी देवी सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं। राजद की सत्ता जाने और पार्टी से मोह भंग होने के बाद श्याम रजक 2009 में जेडीयू में शामिल हो गए थे। रजक 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक और फिर मंत्री बने थे, लेकिन जब रजक 2015 में महागठबंधन से विधायक बने तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।
पार्टी और मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद आज श्याम रजक ने बयान जारी कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा। रजक ने कहा, 'मुझे निष्कासित नहीं किया गया है, मैं अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं वहां नहीं रह सकता जहां सामाजिक न्याय छीना जा रहा है। रजक ने कहा, 'जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी में लगभग 99% लोग बिहार के सीएम नीतीश कुमार से नाराज हैं, लेकिन निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो रहा हूं।
बता दें कि श्याम रजक को रविवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उद्योग मंत्री के पद से हटा दिया था और जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी से भी निष्कासित कर दिया था
बिहार में सियासी उठापटक की संभावना
विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य में सियासी उठापटक की संभावना बन रही है। एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी शुक्रवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के संकेत दिए हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार देर रात पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव से मुलाकात की और दोनों के बीच चार घंटे तक बातचीत हुई।
पासवान और पप्पू के बीच बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर चर्चा
माना जा रहा है कि पासवान और पप्पू के बीच बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर चर्चा हुई है। हालांकि, अगर दोनों ही नेता थर्ड फ्रंट को लेकर सहमत होते हैं, तो बिहार में सपा, बसपा समेत कई छोटे दलों को लेकर गठबंधन होने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।