पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू ने बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक मंत्री को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस मामले में जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि श्याम रजक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इसलिए पार्टी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई करने का फैसला किया।
राजद में वापसी को लेकर अटकलें तेज
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि श्याम रजक अब अपने पुराने घर यानी राजद में वापसी कर सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। जब बिहार में राजद की सरकार थी तो श्याम रजक लालू के करीबी नेता माने जाते थे। वह बिहार की राबड़ी देवी सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं। राजद की सत्ता जाने और पार्टी से मोह भंग होने के बाद श्याम रजक 2009 में जेडीयू में शामिल हो गए थे। रजक 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक और फिर मंत्री बने थे, लेकिन जब रजक 2015 में महागठबंधन से विधायक बने तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।
बिहार में सियासी उठापटक की संभावना
विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य में सियासी उठापटक की संभावना बन रही है। एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी शुक्रवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के संकेत दिए हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार देर रात पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव से मुलाकात की और दोनों के बीच चार घंटे तक बातचीत हुई।
पासवान और पप्पू के बीच बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर चर्चा
माना जा रहा है कि पासवान और पप्पू के बीच बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर चर्चा हुई है। हालांकि, अगर दोनों ही नेता थर्ड फ्रंट को लेकर सहमत होते हैं, तो बिहार में सपा, बसपा समेत कई छोटे दलों को लेकर गठबंधन होने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।