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पटना: बिहार में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए इस महीने की 16 तारीख से 31 जुलाई तक 16 दिन के लिए लॉकडाउन लगाया जाएगा। यह फैसला राज्‍य में पिछले तीन सप्‍ताह के दौरान कोविड-19 के संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद लिया गया है। इसके तहत सरकारी कार्यालय, शैक्षिक संस्‍थान, सभी निजी और व्‍यावसायिक संस्‍थान बंद रहेंगे। न्‍यायिक कार्यों से सम्‍बंधित कार्यालय पटना उच्‍च न्‍यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप काम करेंगे। हालांकि राशन की दुकानें, डेयरी, सब्‍जी और मांस की बिक्री की दुकानें खुली रहेंगी। सभी पूजा स्‍थल और धार्मिक आयोजन पर भी पाबंदी रहेगी।

लॉकडाउन के दौरान ई-कामर्स और घरों में आपूर्ति की अनुमति रहेगी। सरकारी परिवहन को भी अनुमति दी गई है। हालांकि निजी वाहन केवल आवश्‍यक सेवाओं के लिए ही इस्‍तेमाल किए जा सकेंगे। रेल और हवाई सेवाओं को भी लॉकडाउन से छूट रहेगी। निर्माण सम्‍बंधी गतिविधियों को भी अनुमति दी गई है और इनसे सम्‍बंधी दुकाने खुली रहेंगी। इसी तरह कृषि कार्य और सम्‍बंधित दुकानों को भी लॉकडाउन से छूट मिलेगी।

 

इस बीच, राज्‍यों में कोविड-19 संक्रमण के एक हजार चार सौ 32 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही राज्‍य में अ‍भी तक कोविड-19 से संक्रमण के मामलों की संख्‍या 18 हजार आठ सौ 53 तक पहुंच गई है। दूसरी तरफ 13 हजार 19 व्‍यक्ति संक्रमण से मुक्‍त हो चुके हैं। पांच हजार छह सौ नब्‍बे रोगियों का इलाज चल रहा है। बिहार में स्‍वस्‍थ होने की दर 69 प्रतिशत है। राज्‍य में अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण से एक सौ 60 लोगों की मृत्‍यु हुई है।

राज्‍य में लॉकडाउन के दौरान होटल, मोटल और लॉज सहित विभिन्‍न आतिथ्य सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाएगी। रेस्तरां, ढाबा और भोजनालय केवल होम डिलीवरी सेवाओं के साथ खुली रहेंगी। जिला प्रशासन, गैराज, मोबाइल मरम्‍मत की दुकानों, जैसी मरम्‍मत तथा रख-रखाव गतिविधियों के संचालन की भी अनुमति देगा।

 

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