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पटना: बिहार में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट में एक बड़ा फैसला यह रहा कि राज्य में बच्चों के लिए माता-पिता की सेवा करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न होने पर जेल जाना पड़ेगा। शराब बंदी और दहेज बंदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सामाजिक कुरीति दूर करने का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है। कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के साथ बैठक में 17 एजेंडों को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही बिहार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना को राइट टू सर्विस एक्ट (सेवा का अधिकार अधिनियम) के तहत लाने का निर्णय लिया।

शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी

कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला यह लिया गया कि कश्मीर में पुलवामा और कुपवाड़ा के आतंकी हमलों में शहीद हुए राज्य के जवानों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। पुलवामा हमले में भागलपुर के रतन कुमार ठाकुक और मसौढ़ी के संजय सिन्हा शहीद हो गए थे। वहीं, कुपवाड़ा हमले में बेगूसराय के पिंटू कुमार शहीद हुए थे।

भागलपुर में गंगा पर बनेगा एक और पुल

कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि भागलपुर में गंगा नदी पर एक और पुल का निर्माण किया जाएगा। यह पुल विक्रमशिला सेतु के समानांतर होगा। इसके अलावा सुपौल में हाइड्रो पावर प्लांट का विस्तारीकरण होगा और इससे 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। डादमरा जल विद्युत परियोजना को विस्तृत किया जाएगा। इसके लिए 11.68 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऋण उगाही के लिए भी योजना तैयार की गई। इसके तहत कुल 25,750.93 करोड़ रुपये की उगाही की जाएगी। 20,300 करोड़ रुपये की उगाही बाजार से की जाएगी। इसके साथ ही कैबिनेट मे राज्य खाद्य आयोग के सदस्यों के आवास भत्ते में संशोधन किया है और बिहार नगर और निवेशन सेवा नियमवली 2019 को भी स्वीकृति भी दी।

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