पटना: लोकसभा चुनाव में बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का सूपड़ा साफ होने के बाद पार्टी में बगावती सुर उठने लगे हैं और तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। इस बीच छोटे भाई के बचाव में बड़े भाई तेजप्रताप यादव आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं है वे पार्टी छोड़ सकते हैं। तेजप्रताप यादव ने कहा है, "जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं है, वे चाहें तो महागठबंधन या राजद से अलग हो सकते हैं। मैं हमेशा तेजस्वी के साथ खड़ा रहूंगा।"
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बिहार में राजद की करारी हार के बाद पार्टी के विधायक महेश्वर यादव ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने तेजस्वी यादव से नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफे की मांग कर दी है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे तो पार्टी टूट सकती है। महेश्वर यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसी वरिष्ठ नेता के हाथ में पार्टी की कमान सौंपे जाने की जरुरत बताई।
उन्होंने राजद पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि साल 1997 में राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाते समय भी मैंने विरोध किया था। अगले विधानसभा चुनाव में राजद तब 22 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। उन्होंने कहा कि मैं पहले ही पार्टी का पदाधिकारी और उत्तराधिकारी परिवारवाद से इतर पार्टी में वरीयता का ध्यान रखकर बनाए जाने की बात कहता रहा हूं।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जी ने तब भी सबक नहीं लिया और फिर पार्टी के वरिष्ठों की अनदेखी कर तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। कहा कि नेता प्रतिपक्ष पद से तेजस्वी के इस्तीफे की मांग करता हूं और इसके बाद ही विधायक दल की बैठक बुलाई जाए।