पटना: बिहार विधानमंडल के बजटीय सत्र के दौरान विभिन्न विभागों से दोनों सदनों के सदस्यों को महंगे तोहफे यथा मोबाईल फोन, माईक्रोवेव ओवन, सूटकेस दिए जाने की आलोचना के बीच बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने प्रदेश के लाखों शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं होने के विरोध में इन तोहफों को वापस कर दिया। सुशील ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर कहा है कि अनेक साल से बिहार सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा विधायकों एवं पाषर्दों को बिहार विधान मण्डल के सत्र के दौरान उपहार दिये जाने की परिपाटी रही है। वर्तमान सत्र में माइक्रोवेव ओवन सहित विभिन्न विभागों द्वारा करीब 6-7 सूटकेस दिये गये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि बिहार जैसे गरीब प्रदेश में विधानमण्डल के सदस्यों को विभिन्न विभागों द्वारा उपहार दिये जाने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इसमें सरकार की बड़ी राशि का व्यय होता है।
उपहारों की संख्या अत्यधिक होने के कारण सदस्यों द्वारा उनका सम्यक उपयोग भी नहीं किया जाता है और उन्हें कार्यकर्ताओं एवं अन्य लोगों के बीच वितरित कर दिया जाता है। बिहार की पिछली राजग सरकार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रहे सुशील ने नीतीश को लिखे पत्र में उनसे अनुरोध किया है कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष एवं बिहार विधान परिषद के सभापति के विमर्श से कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाकर विभिन्न विभागों द्वारा उपहार दिये जाने की परम्परा पर रोक लगाने सम्बंधी निर्णय लिया जाये ताकि इस मद में व्यय होने वाली राशि का उपयोग राज्य के विकास में हो सके।