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पटना: बिहार के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखा है। उन्होंने राज्य में ऐसे सभी आश्रय घरों की निगरानी और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले, मुजफ्फरपुर बालिका गृह से रोज चौंकानेवाले खुलासे सामने आ रहे हैं। जिसके बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह उन नाबालिग लड़कियों के साथ दरिंदगी की हदें पार की जाती थी।

लड़कियों ने जांचकर्ताओं को बताया कि उन्हें तीन मंजिला इमारत की छत पर ले जाया जाता था और जब वे उनकी यौन संबंधों की मांगों से इनकार करती थी तो उन्हें थप्पड़ मारा जाता था और उनके कपड़े उतार दिए जाते थे। यह बात उस वक्त सामने आयी जब सोमवार को एक टेलीविजन चैनल ने मानसिक तौर पर बीमार नाबालिग लड़की का बयान चलाया। महिला अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान उस लड़की ने इशारों में बताया- “मुझे छत पर ले जाया जाता था और जब हम उनकी मांगों को पूरा नहीं करते थे तो 'हेड सर' हमें थप्पड़ मारते थे और कपड़े उतारवा देते थे।”

एक अन्य नाबालिग की तरफ से अधिकारियों को यह कहते हुए दिखाया गया कि 'सर' लड़कियों से साथ गंदा खेल खेलते थे। “हमें दवाएं दी जाती थी...सर दो लड़कों के साथ आते थे। जब हम उन्हें ऐसा करने से मना करते थे तो लड़के हमे धक्का देकर गिरा देते थे और सर हमारे ऊपर गिर पड़ते थे।” लड़कियों ने जांचकर्ताओं को बताया कि शेल्टर होम के अंदर शाम को द्विअर्थी मतलब के गाने चलाए जाते थे।

लड़कियों ने यह भी आरोप लगाया कि सर यहां पर ‘सर’ के साथ आनेवाले लोगों को कहा जाता था कि उन्हें खुश करो। अन्य लड़कियों की तरह वे दो लड़कियां भी उस अपराध के सरगना को नहीं जानती थी। हालांकि, जब अधिकारियों ने मोबाइल में उस शख्स की तस्वीर दिखाई तो उन लड़कियों ने उसे ‘सर’ यानि मूंछ वाला आदमी बताकर हां में जवाब दिया। 42 लड़कियों की जांच के बाद अब तक यह पता चला कि 34 नाबालिगों का यौन शोषण किया गया है। दो लड़कियों का परीक्षण इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी।

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