पटना: अंतरराष्ट्रीय योग दिवसके मौके पर बिहार समेत पूरी दुनिया में समारोह आयेजित किए गए हैं। बिहार सरकार ने योगाभ्यास का आयोजन किया, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इससे किनारा कर लिया। सीएम ने इस मौके पर आयोजित शिविर में भाग नहीं लिया। इसको लेकर अब विपक्षी पार्टियां निशाना साध रही हैं। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कला संस्कृति और युवा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को सुबह योगाभ्यास किया गया।
कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित योगाभ्यास में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और रामकृपाल यादव के साथ बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत सांसद, विधायक और अन्य लोग उपस्थित रहे। इसके अलावा पटना सहित बिहार के विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग मैदानों, पार्कों और अपने घरों में योगाभ्यास किया। सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सत्तारूढ़ जदयू के किसी भी कार्यकर्ता ने शिरकत नही की।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल पर संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया है। आज के दिन पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है। विश्व को भारत का अमूल्य देन योग ही है। यह जीवन जीने की कला है। इससे न केवल स्वास्थ्य ठीक रहता है, बल्कि तनावमुक्त रहने एवं संतुलित जीवन जीने में काफी सहयोग मिलता है।
वहीं, योग दिवस पर जदयू के शामिल नहीं होने पर बिहार के कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रित किया गया। यह जरूरी नहीं है कि सभी लोग कार्यक्रम स्थल पर ही आकर योग करें। कई लोग अपने घरों या दूसरे जगह भी योग करते हैं।
आरजेडी ने कहा कि अब साफ तौर पर दिख रहा है कि भाजपा और जेडीयू में कितनी दूरी बन गई है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के पास अब रास्ता नहीं है और उनके लिए बिहार की राजनीति में अकेले चल पाना भी मुमकिन नहीं है।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि योग दिवस में भाग नहीं लेने की घोषणा के बाद अब वो आगे क्या करेंगे? उनके सामने अब रास्ता क्या है? यह सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में कोई तीसरा पक्ष नहीं है। लोकसभा का अगला चुनाव सीधा होने वाला है। इस तथ्य से सब वाक़िफ़ हैं।