पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां मंगलवार को दिल्ली में केंद्र सरकार की पुलिस के रहते बिगड़ती कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में जंगलराज है तो देश में फासीवाद है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जबरन अपने विचारों को देश पर थोप रही है और इस कारण देश की मौजूदा हालत अराजक हो गई है। बिहार मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि जो उनके विचारों से असहमत हैं, वे उनकी नजर में देशद्रोही हैं। आखिर जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया के खिलाफ अब तक कोई सबूत क्यों नहीं ढूंढ़ पाए। नीतीश ने कहा कि अपने विचार प्रकट करने का आधिकार सबको है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पूंजीवाद या सामंतवाद के खिलाफ बोलना देशद्रोह है क्या? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आरक्षण संबंधी दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि जो विचार आरएसएस के हैं, वहीं विचार भाजपा के भी हैं। सबको पता है कि आरएसएस की मानसिकता आरक्षण विरोधी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा एक ओर संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करती है तो दूसरी ओर आरक्षण खत्म करने का प्रयास कर सामाजिक भेदभाव पैदा करती है। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के विषय में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेवार बताते हुए कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा ने जाटों को आरक्षण देने का वादा किया था, उसे अब पूरा किया जाना चाहिए था।