ताज़ा खबरें
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में खरगौन हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। प्रशासन हमले में शामिल लोगों के घरों को तोड़ रहा है। वहीं इस कार्रवाई के खिलाफ लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एमपी सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने मध्‍य प्रदेश सरकार की कार्रवाई को पूरी तरह से अवैध बताया। उन्होंने कहा कि न्याय की सामान्य प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया। यह पूरी तरह से गलत है।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार रूसी सेना की तरह व्यवहार कर रही है, जैसे कि रूसी सेना यूक्रेन में घरों को नष्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि घरों को क्यों तोड़ रहे हैं। परिवार बेसहारा हो जाएंगे। सरकार की इस कार्रवाई को लेकर निश्चय ही अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

बता दें कि एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर जिला प्रशासन और पुलिस ने रामनवमी के जुलूस पर हुए हमले में शामिल लोगों के घरों को तोड़ दिया है।

अधिकारियों ने करीब 45 घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया। सोमवार को करीब 16 घरों और 29 दुकानों को तोड़ा गया। इंदौर के मंडलायुक्त पवन शर्मा ने कहा, ''खरगौन प्रशासन ने रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव करने वालों की संपत्तियों को गिराने का फैसला किया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है। 84 आरोपियों को गिरफ्तार कर खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है।''

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख