मुंबई: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने यहां अपने बंगले के निर्माण के लिए जरूरी सभी प्रकार की अनुमति ली थी और इसमें कोई अनियमितता नहीं बरती गई। इससे पहले शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने राणे के बंगले के निरीक्षण के लिए उन्हें नोटिस जारी किया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने यह भी कहा कि शिवसेना और ‘मातोश्री' की ओर से उन्हें “डराया” जा रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास का नाम मातोश्री है जिसका हवाला राणे ने दिया। बीएमसी ने निरीक्षण और परिसर के मापन के लिए जुहू स्थित राणे के बंगले को गुरुवार को नोटिस जारी किया था।
राणे का ‘आदिश' नामक बंगला निकाय के के-पश्चिम वार्ड में स्थित है और मुंबई के पश्चिमी उपनगर में है। नोटिस में कहा गया था कि नगर निकाय का एक दल “परिसर का निरीक्षण करेगा और मापन तथा तस्वीरें लेगा।”
नोटिस में कहा गया कि बंगले के “मालिक” (नाम का उल्लेख नहीं किया गया) को इस कार्रवाई के दौरान उपस्थित रहना पड़ेगा और निर्माण के लिए मंजूर किये गए प्लान या भवन के वास्तविक दस्तावेज पेश करने होंगे। यह नोटिस ऐसे समय आया है जब सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्षी दल भाजपा के बीच राज्य में जुबानी जंग चल रही है।
राणे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने लगभग 12 साल पहले बंगले के निर्माण के लिए जरूरी सभी प्रकार की अनुमति ली थी। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब उनके घर को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी जांच की गई थी लेकिन अधिकारियों को कोई अनियमितता नहीं मिली थी।
उन्होंने कहा, “मैं, मेरी पत्नी, मेरे दो बेटे और उनकी पत्नियां और बच्चे यहां रहते हैं। कुल आठ लोग रहते हैं। इसलिए हमें यहां कभी कुछ और बनवाने की जरूरत महसूस नहीं हुई।” राणे ने किसी का नाम लिए बिना कहा, “यह पूरी कार्रवाई (नोटिस) शिवसेना और ‘मातोश्री' द्वारा बदला लेने के लिए की जा रही है। मुझे डराया जा रहा है।”