ताज़ा खबरें

मुंबई: भाजपा से शिवसेना के अलग होने के बाद महाराष्ट्र में सियासत की नई इबारत लिखी गई, लेकिन दोनों राजनीतिक पार्टियों के बीच बनी गहरी खाई पाटने की भी कवायद शुरू की है। शिवसेना अध्यक्ष व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की बंद कमरे में बैठक के बाद कुछ इसी तरह की सुगबुगाहट शुरू हुई है।

शिवसेना पर लगातार निशाना साधने वाले भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी सह्याद्री गेस्ट हाऊस में बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक चर्चा की। इसके बाद राजनीतिक गलियारे में कयास लगाने का दौर शुरू हो गया है। हालांकि मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन सुधीर मुनगंटीवार के बयान ने काफी कुछ संकेत दे दिया है।

बोले-अंतिम सांस तक दुश्मनी नहीं

मुनगंटीवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे दिवंगत बाल ठाकरे के सुपुत्र हैं। वे कभी सोनिया गांधी के दबाव में नहीं आएंगे।

उन्होंने कहा कि कभी उद्धव ठाकरे ने युती में 25 साल सड़ गए कहकर भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था, लेकिन उसके बाद फिर भाजपा के साथ आए। मुनगंटीवार ने कहा कि जिन्हें अटकलें लगानी हो वे लगाते रहें। शिवसेना हमारी अंतिम सांस तक चलने वाली दुश्मन पार्टी नहीं है।

दरअसल, सुधीर मुनगंटीवार की उद्धव ठाकरे की मुलाकात को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बीते 8 जनवरी को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के अलावा मुनगंटीवार को भी दिल्ली बुलाया था। इस बैठक में राज्य की राजनीतिक परिस्थिति, पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों, महानगरपालिका और जिला परिषद चुनाव को लेकर गंभीर चर्चा हुई थी। फडणवीस और पाटिल के साथ मुनगंटीवार को पार्टी अध्यक्ष की तरफ से विशेष अहमियत मिलना राज्य में चर्चा का विषय बन गया था।

जयंत पाटिल की राय जुदा

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की पार्टी एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे से सुधीर मुनगंटीवार की मुलाकात पर अलग प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मन में है कि आज नहीं तो कभी शिवसेना हमारे साथ जरूर आएगी। इसलिए भाजपा के नेता जानबूझकर इस तरह का वातावरण तैयार कर रहे हैं।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख