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मुंबई: शिवसेना ने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरएफजी) को चीनी दूतावास से धन मिलने संबंधी आरोपों के लिए भाजपा पर शनिवार को निशाना साधा और यह पूछा कि क्या यह मुद्दा किसी भी प्रकार से पड़ोसी मुल्क के लद्दाख पर अतिक्रमण और 20 भारतीय सैन्यकर्मियों की शहादत से जुड़ा हुआ है। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने गुरुवार को कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरजीएफ ने चीनी दूतावास से दान लिया था। कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा था कि भाजपा ने आरजीएफ का जो मुद्दा उठाया है वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) संकट से ध्यान भटकाने के लिए ‘‘गढ़े हुए आरोप'' और ‘‘भटकाने का तरीका'' है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय में लिखा, ‘‘इस बात से आपका क्या मतलब है कि कांग्रेस को चीन से पैसा मिलता है? चीन के आक्रमण के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका जवाब देने के बजाए भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर चीन से धन लेने के आरोप लगाए।'' संपादकीय में कहा गया, ‘‘क्या दान लेने के भाजपा के खुलासे से चीन की सीमा पर गतिविधियां रुक जाएंगी?

भाजपा को बताना चाहिए कि राशि मिलने का संबंध किस प्रकार से चीन के आक्रमण और 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने से है।''

संपादकीय में कहा गया,‘‘ हमारे देश में केवल कांग्रेस ही नहीं कई नेताओं और दलों को विदेशों से लाभ मिलता है। भाजपा का इस बारे में बोलना ‘कीचड़ में पत्थर' फेंकने जैसा है।'' उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पिछले छह वर्षों में दो बार भारत आए हैं। इसमें कहा गया,‘‘गुजरात में उनकी मेजबानी की गई। लेकिन सच्चाई यह है कि चीन ने धोखा दिया है। एक तरफ वार्ता करना और दूसरी तरफ सीमा पर आक्रामकता दिखाना चीन की पुरानी नीति है।''

इसमें कहा गया,‘‘ वर्तमान परिदृश्य में पूरा देश दृढ़ता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है। यह भाजपा अथवा कांग्रेस भर का संकट नहीं है बल्कि पूरे देश का संकट है, जिसकी प्रतिष्ठा दांव पर है।''शिवसेना ने कहा,‘‘भाजपा बाद में किसी भी वक्त कांग्रेस से लड़ सकती है, लेकिन यह वक्त चीन से लड़ाई लड़ने का है। उसे उस पर बात करनी चाहिए।''

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