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नई दिल्ली: केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने गुरुवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी बेटी और डीएचएफएल के प्रमोटर और नॉन एग्जक्यूटिव डायरेक्टर कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। करीब 100 पन्ने का इस आरोप पत्र में डीओआईटी अरबन वेंचर्स लिमिटेड का नाम शामिल है जबकि डीएचएफएल को अभियुक्त के तौर पर बताया गया है। यस बैंक की तरफ से संदिग्ध लोन जारी किए जान के बाद सीबीआई की तरफ से यह केस 7 मार्च को दर्ज किया गया था। इसके साथ ही, बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ एक दूसरे को फायदा पहुंचाने का आरोप है।

यस बैंक की तरफ से डीएचएफएल के शॉर्ट लघु ऋण में करीब 3,700 करोड़ के निवेश और डीएचएफएल द्वारा डीओआईटी अरबन वेंचर्स लिमिटेड को दिया गया छह सौ करोड़ रुपए के लोन जांच के घेरे में था। डीओआईटी अर्बन वेंचर्स लिमिटेट वास्तव में राणा कपूर की बेटियों की कंपनी है। ऐसा माना जाता है कि डीएफएचल द्वारा कंपनी को दिया गया 600 करोड़ रुपये का लोन राणा कपूर को डीएचएफएल के डिबेंचर में पैसा लगाने के बदले दी गई रिश्वत थी।

सीबीआई ने वधावन ब्रदर्स को महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबालेश्वर से 26 अप्रैल को हिरासत में लिया था। वधावन ब्रदर्स और अन्य 21 लोगों को लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले में सतारा पुलिस ने 8 अप्रैल को केस दर्ज किया था और 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखा था। उनका क्वारंटाइन 23 अप्रैल को खत्म हुआ उसके बाद सीबीआई ने आधिकारिक पर 26 अप्रैल को अपनी हिरासत में लिया था।

सीबीआई हिरासत से वधावन ब्रदर्स को मई के दूसरे हफ्ते में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। राणा कपूर और वधावन ब्रदर्स इस वक्त तलोजा जेल में बंद हैं। हालांकि, कपूर ने सीबीआई केस में अग्रिम जमानत के लिए सीबीआई कोर्ट का रूख किया था।

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