मुंबई: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच महाराष्ट्र की सियासत में बीते कुछ दिनों से बड़े सियासी घटनाक्रम की आहट सुनाई दे रही है। कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन के बीच ममुटाव की खबरें लगातार आ रही है। हाल ही में एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से अचानक मुलाकात की। इसके बाद वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने उनके आवास मातोश्री भी पहुंचे। मामले ने तब और तूल पकड़ा जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में हम सरकार में भले ही हैं, लेकिन निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं।
कोरोना पर हम केंद्र की गाइडलाइंस का कर रहे पालन
इन तमाम सियासी घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर नाना पटोले ने कहा है कि राज्य में किसी भी तरह की राजनीतिक इमरजेंसी के हालात नहीं उत्पन्न हुए हैं और ना ही वर्तमान सरकार को कोई खतरा है। उन्होंने कहा कि मीडिया में जो कुछ भी महाराष्ट्र की सियासत को लेकर बताया जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। इस समय हम कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार की हर गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए पटोले ने महा विकास अघाड़ी की बैठक पर कहा, ‘गठबंधन की सरकार को सामंजस्य बिठाना पड़ता है। इस समय राज्य में किसी भी तरह की इमरजेंसी के हालात नहीं है। हो सकता है कि वे कोरोना के मुद्दे पर आपस में चर्चा कर रहे होंगे। मैं उनकी कैबिनेट का हिस्सा नहीं हूं, इसलिए मुझे इस बारे में विशेष जानकारी नहीं है।’
आपको बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पटोले इन दिनों लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला के साथ बैठक के लिए दिल्ली आए हुए हैं। उद्धव ठाकरे के आवास पर फिलहाल महाअघाड़ी विकास सहयोगियों की बैठक जारी है। इस बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं कि आखिर इस बैठक में किन-किन मुद्दों पर बातचीत हो रही है। सरकार पर किसी तरह का संकट है या नहीं, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है। बीते कुछ दिनों से जो सियासी हलचल देखने को मिल रही है, उससे एक बात तो स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।