मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कोरोनो वायरस महामारी के चलते शैक्षणिक संस्थानों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बात रखी। उन्होंने एक अध्ययन समूह के गठन की मांग की ताकि शिक्षा की प्रक्रिया बाधित न हो। पवार ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति और विभिन्न वर्गों को राहत प्रदान करने के लिए प्रशासन के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा की। पवार ने ट्विटर पर कहा, 'मैंने निम्नलिखित विषयों पर अपने सुझाव दिए हैं।'
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा, 'कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से अगले शैक्षणिक वर्ष में देरी होगी। इसके चलते छात्रों और शिक्षकों की संख्या में कमी आएगी। शैक्षिक संस्थानों और तकनीकी संस्थानों की आय पर प्रभाव पड़ सकता है।' पवार ने लिखा कि वित्तीय घाटे के कारण कुछ शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने की भी आशंका है। पवार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को नुकसान न हो और शिक्षा की प्रक्रिया बाधित न हो, इसके लिए एक अध्ययन समूह या समिति को समय पर उपाय करने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।
एनसीपी प्रमुख ने आगे लिखा कि उन्होंने राज्य में उद्योगों के बारे में बात की और बताया कि कारखानों को फिर से शुरू करने के लिए रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने लिखा, 'राज्य और राज्य के बाहर के गांवों से पलायन करने के कारण फैक्ट्रियां फिर से शुरू होने की स्थिति में नहीं हैं।' पवार ने कहा कि हमें उन्हें वापस लाने के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है।
शरद पवार ने महाराष्ट्र में कार्यालय, बंदरगाह और अन्य उद्योगों को खोलने के बारे में भी सुझाव दिए।
बता दें कि महाराष्ट्र कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों की सूची में पहले स्थान पर है। अभी तक राज्य में 37136 मरीज सामने आ चुके हैं और 1325 लोगों की मौत हो चुकी है।