मुंबई: महाराष्ट्र में नौ राज्य विधान परिषद सीटों पर 21 मई को चुनाव होने जा रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने इस चुनाव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद की उप सभापति नीलम गोरे की उम्मीदवारी पर मुहर लगा दी है। मुहर लगने के साथ ही उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होती नजर आ रही हैं। बता दें कि ठाकरे न तो विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के इसलिए उन्हें किसी एक सदन की सदस्यता हासिल करनी जरूरी है। संविधान के अनुसार पद ग्रहण करने के छह माह के भीतर उनका विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी एक का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है और ऐसा नहीं कर पाने की हालत में उन्हें मुख्यमंत्री पद को त्यागना होगा।
पार्टी के एक नेता ने जानकारी देते हुए बताया कि ठाकरे और गोरे दो सीटों के लिए शिवसेना के उम्मीदवार होंगे। हम उनके निर्विरोध निर्वाचन के प्रयास कर रहे हैं। महाविकास अघाड़ी की वर्तमान संख्या को देखते हुए हम ऊपरी सदन में दो उम्मीदवारों को आसानी से चुन सकते हैं। शिवसेना नेता ने बताया कि ठाकरे अगले कुछ दिन में नामांकन दाखिल करेंगे।
चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 11 मई है और नामांकन वापस लेने के अंतिम तारीख 14 मई है। राज्य विधान परिषद में 288 सीटें हैं जिसमें भाजपा 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के क्रमश: 56, 54 और 44 विधायक हैं।