मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी खींचतान का दौर जारी है। भाजपा जहां शिवसेना की मांग मानने को तैयार नहीं है वहीं शिवसेना भी अपने दावों को छोड़ने के मूड में नहीं हैं। दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी बातों पर अड़ी हैं। ऐसे में गठबंधन सरकार बनने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। इसी बीच रविवार को दोपहर 12 बजे एक होटल में शिवसेना विधायकों की बैठक होने वाली है। जिसमें आदित्य ठाकरे विधायकों से चर्चा करेंगे। बैठक में उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहेंगे।
महाराष्ट्र में हो महाराष्ट्र की राजनीति
सामना के लेख में शिवसेना ने भाजपा की तुलना हिटलर से की। उन्होंने कहा कि पांच साल दूसरों को डर दिखाकर शासन करने वाली टोली आज खुद खौफजदा है। यह उल्टा हमला है। डराकर मार्ग या समर्थन नहीं मिलता है। महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र में ही होनी चाहिए। महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है। इस बार ऐसी स्थिति है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा ये उद्धव ठाकरे तय करेंगे। राज्य के बड़े नेता शरद पवार की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी। कुछ भी हो लेकिन इस बार भाजपा का मुख्यमंत्री न हो, यह महाराष्ट्र का एक स्वर है।
राज्यपाल ने भाजपा से पूछा अगर सरकार बना सकते हों तो बताएं
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को 14वीं विधानसभा में सरकार बनाने के बारे में राय मांगी है। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल के पत्र पर विचार के लिए रविवार को कोर कमेटी की बैठक होगी, जिसमें सर्वसम्मति से फैसला होगा। 13वीं विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र में एक साथ सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा व शिवसेना के बीच सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर मतभेद के कारण 21 अक्तूबर को आए फैसलों के बाद अभी तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है। इस बीच शनिवार को एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभाकोनी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इसके बाद देर शाम राजभवन ने भाजपा से पूछा कि क्या सरकार बना सकते हैं? इस बीच पूर्व सचिव अनंत कलसे ने कहा, राज्यपाल द्वारा नई विधानसभा के लिए पार्टी को बुलाने क विधानसभा निलंबित रहेगी।
जयपुर में विधायकों से आज मिलेंगे खडगे
कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खडगे और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट रविवार को जयपुर में कांग्रेस विधायकों से मिलेंगे। सूत्रों के मुताबिक इनके भाजपा में शामिल होने के डर से कांग्रेस ने अपने 44 में से 33 विधायकों को जयपुर के होटल में रखा है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अगले हफ्ते विधायकों की बैठक बुलाई है। विधायक सोमवार को मुंबई लौट सकते हैं।
एनसीपी भाजपा के खिलाफ करेगी वोट
एनसीपी विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान भाजपा के खिलाफ वोट करेगी। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, राज्यपाल ने इसमें देरी कर दी। हम इस दौरान भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे। मलिक ने यह भी कहा कि अगर शिवसेना ने भी भाजपा के विरोध में वोट किया तो हमारी पार्टी एक विकल्प पर विचार कर सकती है। हालांकि शिवसेना प्रमुख ने कहा इससे पहले कहा था कि शिवसेना को समर्थन देने पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
सरकार बनाने के दो विकल्प
पहला अगर भाजपा शिवसेना में सुलह हो जाए तो गठबंधन सरकार बन जाएगी, हालांकि शिवसेना अड़ी हुई है। इसके अलावा दूसरा विकल्प है कि अगर भाजपा को अन्य 29 विधायकों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी संख्या 105 से बढ़कर 134 हो जाएगी। इसमें अगर सदन से 22 विधायक अनुपस्थित रहते हैं तो 288 सीटों वाला सदन घटकर 266 का रह जाएगा और बहुमत के लिए जरूरी 134 सीटों का आंकड़ा भाजपा के पास उपलब्ध होगा।