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मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के बयान से भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। भाजपा जहां सरकार गठन की कोशिशों में लगी हुई है वहीं शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है। बुधवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने फिर कहा है कि हम केवल उस प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे जिसे हमने विधानसभा चुनाव से पहले स्वीकार किया था। अब नए प्रस्तावों का आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा। भाजपा और शिवसेना ने चुनावों से पहले सीएम के पद पर एक समझौता किया था और उसके बाद ही हम चुनाव के लिए गठबंधन के लिए आगे बढ़े थे। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे और यह लोगों के साथ अन्याय होगा।

आपको बता दें कि मंगलवार को शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने दुष्यंत कुमार की कविता को ट्वीट करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। संजय राउत ने दुष्यंत की कविता शेयर करते हुए कहा है, सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए। संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।

महाराष्ट्र में राजनीति की सूरत बदल रही है। आप जिसे हंगामा कहते हैं वो हंगामा नहीं है वो न्याय, अधिकार और सत्य की लड़ाई है। आप जल्द ही देखेंगे कि महाराष्ट्र में जल्द ऐसी सरकार बनेगी, ऐसा मुख्यमंत्री बनेगा जिसके बाद जनता और आप भी कहेंगे महाराष्ट्र की सूरत बदल गई है।

क्या है महाराष्ट्र में स्थिति

गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा ने 105 सीटों, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की।

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