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मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच गतिरोध कायम है। 50-50 फार्मूले पर अड़ी शिवसेना लगातार भाजपा पर दवाब बना रही है। इस बीच शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को सरकार गठन के मसले पर एक पत्र लिखा है और उन्हें इसकी कवायद करने की गुहार लगाई है। शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने सरकार गठन को लेकर भाजपा से जारी गतिरोध को खत्म करने में पहल करने के लिए मोहन भागवत से अपील की है और बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भेजने की बात कही है।

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सत्ता के 50-50 बंटवारे को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने कहा कि मैंने संघ प्रमुख मोहन भागवत को इस गतिरोध को खत्म करने में पहल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैंने मोहन भागवत को खत लिखकर नितिन गडकरी को बातचीत के लिए भेजने का आग्रह किया है क्योंकि नितिन गडकरी इस मुद्दे को दो घंटे के भीतर सुलझा लेंगे।

बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से ही होगा। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है और न्याय की खातिर लड़ाई में उनकी पार्टी की ही जीत होगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ''महाराष्ट्र के बारे में फैसला महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा, मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा। शिवसेना के राकांपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने की खबरों के बीच राउत ने कहा कि शरद पवार राज्य के अगले मुख्यमंत्री नहीं होंगे। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान के चलते अब तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो पाया है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को ही घोषित हो गए थे जिसमें भगवा गठबंधन (भाजपा-शिवसेना) को 161 सीटें मिलीं जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 145 से कहीं अधिक है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।

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