मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच जारी मतभेद के कारण नई सरकार के गठन की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री पद के लिए दोनों पार्टियों के बीच खींचतान शुरू हो गई है और अब मामला राजभवन पहुंच चुका है। इसी बीच सोमवार को शिवसेना नेता और परिवहन मंत्री दिवाकर राउते राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मिलने राजभवन पहुंचे। शिवसेना नेता की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंचे। दोनों मुलाकातों की जानकारी खुद राज्यपाल भवन ने भी दी है, लेकिन कहा है कि यह दिवाली के मौके पर औपचारिक मुलाकात है।
शनिवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा से लिखित में आश्वासन मांगा है। उनका कहना है कि वह 50-50 फॉर्मूले और ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से आश्वासन चाहते हैं। पहले इस तरह की संभावना थी कि भाजपा अपने दम पर सरकार गठन के लिए जरूरी 145 सीटें जीत लेगी और उसे शिवसेना का साथ लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी। मगर नतीजे उसकी आकांक्षाओं से उलट आए हैं।
भाजपा और शिवसेना ने बेशक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन परिणाम आने के बाद शिवसेना ने सामना के जरिए भाजपा पर निशाना साधा है। राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि जैसे ही फडणवीस को भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। वैसे ही वह सरकार बनाने का दावा पेश कर देंगे। फिर बेशक शिवसेना उसका समर्थन करे या नहीं।
क्या अमित शाह 30 अक्तूबर को उद्धव ठाकरे से मिलेंगे?
वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 30 अक्टूबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं। शाह मुंबई में विधानसभा पार्टी के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा के नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक में हिस्सा लेंगे। अगर शाह और ठाकरे की मुलाकात होती है तो, इसके काफी राजनीतिक मायने हैं। भाजपा विधान पार्षद गिरिश व्यास ने बताया कि भाजपा के विधायक दल की बैठक 30 अक्तूबर को मुंबई में होगी। इसमें पार्टी के सभी विधायक, प्रदेश के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
बैठक में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नेता (महाराष्ट्र भाजपा प्रभारी) सरोज पांडे भी मौजूद रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि बैठक के बाद, शाह उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए जा सकते हैं। जब 24 अक्तूबर को चुनाव परिणामों का एलान हुआ था तब ठाकरे ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, उनके, शाह और फडणवीस के बीच 50:50 का फार्मूला तय हुआ था। भाजपा को 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें मिली हैं जबकि शिवसेना ने 56 सीटें हासिल की हैं।