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मुंबई: महाराष्ट्र में शनिवार को शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। पार्टी नेता प्रताप सरनाइक ने कहा, 'हमारी बैठक में यह फैसला हुआ है कि जैसा अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान 50-50 का फॉर्मूला दिया था। उसी तरह दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल राज्य में सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। ऐसे में शिवसेना का भी मुख्यमंत्री होगा। उद्धव जी को भाजपा से लिखित में आश्वासन लेना चाहिए।'

इसी बीच ठाकरे आवास मातोश्री के बाहर आदित्य ठाकरे को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं। जब से आदित्य ने चुनाव लड़ने का फैसला किया था तभी से शिवसैनिकों ने उन्हें अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना शुरू कर दिया था। यहां तक कि चुनाव के समय खुद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्होंने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे से वादा किया था कि एक दिन महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने यह विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना के खाते में 56 सीटें गई हैं।

इस तरह गठबंधन के पास बहुमत के लिए जरूरी 145 का आंकड़ा तो मौजूद है लेकिन शिवसेना के बदले हुए रुख ने सरकार गठन को लेकर संशय का माहौल बना दिया है। शिवसेना ने जिस तरह के तेवर अपना रखे हैं उससे लग रहा है कि वह भाजपा से अलग राह पकड़ सकती है। भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं है। जिसके कारण शिवसेना किंगमेकर की भूमिका में आ गई है।

इसी बीच ठाकरे आवास मातोश्री के बाहर आदित्य ठाकरे को राज्य के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। जिन्हें कि शिवसेना समर्थकों ने लगाया है। वैसे जब से आदित्य ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया था तभी से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया था। हालांकि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे।

बता दें कि आदित्य ने पहली बार वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है।

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