मुंबई: हरियाणा में सरकार की तस्वीर साफ होने के बाद ये तय है कि महाराष्ट्र में भी एक बार फिर भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनेगी। पर नतीजों के बाद शिवसेना के तेवर से भाजपा के खेमे में थोड़ी बेचैनी है। महाराष्ट्र में गठबंधन की सहयोगी शिवसेना ने नई सरकार में 50-50 की हिस्सेदारी मांगी है जिससे भाजपा के लिए सत्ता में संतुलन साधना बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है। सूत्रों ने कहा कि भगवा गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले चीजों को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के साथ दिवाली के बाद शीर्ष स्तर पर वार्ता हो सकती है।
राज्य में 288 में से 161 सीटें जीतने के साथ एनडीए ने बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा पार कर लिया है। पर इस बार भाजपा की अपने सहयोगी शिवसेना पर निर्भरता कुछ ज्यादा है, क्योंकि पिछली बार भाजपा की 122 सीटें थी वहीं इस बार 105 सीटें आई हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शुक्रवार को कहा कि नतीजों की घोषणा से पहले जैसा भाजपा ने दावा किया था, वैसा कोई ‘महाजनादेश’ नहीं मिला है और ये नतीजे वास्तव में सत्ता के अहंकार में डूबे लोगों पर एक चोट हैं।
इधर, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा की सीटों की संख्या में 2014 चुनाव के मुकाबले कमी दिखने के एक दिन बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक कार्टून पोस्ट कर अपनी पार्टी के गठबंधन साझेदार पर निशाना साधा। राउत ने कार्टून अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है। इसमें एक बाघ (शिवसेना पार्टी चिह्न) को दिखाया गया है जिसने घड़ी (राकांपा चुनाव चिह्न) का एक लॉकेट पहना हुआ है और कमल (भाजपा पार्टी चिह्न) को सूंघ रहा है।
पोस्ट का शीर्षक ‘बुरा ना मानो दिवाली है’ दिया गया है। यह भले ही मजाक में लिखा गया हो लेकिन इससे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान की याद ताजा हो जाती है कि जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस साथ आएं।
288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 105 सीटें जीती हैं जबकि शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। एनसीपी 54 सीटों पर जबकि कांग्रेस 44 सीटों पर जीती है।