नई दिल्ली: मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो के काम के लिए पेड़ों को काटे जाने के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएम)के प्रोजेक्ट पर किसी तरह का स्टे नहीं लगाया गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि एमएमआरसीएम को अदालत में इसकी रिपोर्ट जमा करनी होगी कि उसने इस प्रोजेक्ट से हुई क्षति के बदले कितने पौधे लगाए हैं और कितने पेड़ों का प्रत्यारोपण किया है। मामले पर अगली सुनवाई 15 नवंबर की रखी गई है।
बता दें कि मेट्रो के कार शेड निर्माण को लिए बीएमसी नतके वृक्ष प्राधिकरण ने 2600 पेड़ काटने की अनुमति दे दी थी। वहीं इसके विरोध में अब तक काफी प्रदर्शन कर चुके हैं। इसी माह मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने फैसले को चुनौती देने वाले शिवसेना पार्षद यशवंत जाधव पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जाधव खुद बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण के सदस्य हैं।