नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मछुआरों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई बैठक में कांग्रेस विधायक नितेश राणे अपना आपा खो बैठे और उन्होंने कथित तौर पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी पर मछली फेंक दी। स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा प्रसारित की गई एक वीडियो क्लिप में राणे कथित तौर पर कल लोगों से भरे अपने कार्यालय में सिंधुदुर्ग के मत्स्यपालन आयुक्त से बात करते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि विधायक अचानक अपना आपा खो बैठे और उन्होंने मेज पर रखी एक मछली उठाई और उसे आयुक्त पर फेंक दिया। तटीय सिंधुदुर्ग जिले में कंकावली के विधायक ने कहा कि उन्होंने कोंकण क्षेत्र के पारंपरिक मछुआरे समुदाय की समस्याओं की ओर आयुक्त के कथित तौर पर 'नजरअंदाज करने वाले रवैये' के विरोध में ऐसा किया। राणे ने फोन पर कहा, 'सिंधुदुर्ग में दो तरह के मछुआरे हैं. एक वो जो मछली पकड़ने के लिए पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं और दूसरे वो जो आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक, दोनों समुदायों के लिए मछली पकड़ने के इलाकों का स्पष्ट तौर पर सीमांकन किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आधुनिक तरीके से मछली पकड़ने वाले मछुआरे पारंपरिक तरीके से मछली पकड़ने वाले मछुआरों के इलाके में अक्सर घुसते हैं जिससे उन्हें नुकसान होता है। राणे ने कहा, 'हमने सिंधुदुर्ग के मत्स्यपालन आयुक्त से बात की और चार फरवरी 2016 के सरकार के प्रस्ताव को उनके संज्ञान में लाए जिसमें दोनों समुदायों के मछुआरों के लिए स्पष्ट तौर पर नियमों को बताया गया है।' उन्होंने कहा, 'मत्स्यपालन आयुक्त के जैसे अधिकारियों के नजरअंदाज करने वाले रवैये के कारण इन नियमों को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण पारंपरिक मछुआरों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।' वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे राणे ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य के मछुआरे भी महाराष्ट्र के जलक्षेत्र में घुसते हैं जिससे पारंपरिक मछुआरों की परेशानी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, 'इन मुद्दों को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया पारंपरिक मछुआरों के साथ लंबे समय से अन्याय हो रहा है इसलिए हमें आज आक्रामक कदम उठाना पड़ा।' विधायक ने हाल ही में शिवसेना पर चुटकी लेते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को कई बार छोड़ने (लेकिन ऐसा ना करने) के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉडर्स में स्थान मिलना चाहिए। राणे ने गत महीने इस मांग को लेकर गिनीज अधिकारियों को चिट्ठी लिखी थी। राणे के पिता कांग्रेस में शामिल होने से पहले शिवसेना में थे। राणे के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने तब कहा था कि उनकी पार्टी ने 2010 में एक रक्त दान शिविर में एक दिन में 24,200 बोतल रक्त एकत्रित करने के लिए पहले ही गिनीज रिकॉर्ड बना रखा है। कायंदे ने कहा, 'नितेश राजनीति में एक बच्चे हैं जो अपनी किसी पहचान के बिना अपने पिता के गौरव का आनंद उठा रहे हैं। उन्हें यह पता होना चाहिए कि शिवसेना ने पहले ही गिनीज रिकॉर्ड बनाया हुआ है और हमें इस पर गर्व है।'