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जयपुर (जनादेश ब्यूरो): भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में भी सीएम के नाम का एलान कर चुकी है। अब सिर्फ राजस्थान को ही नए सीएम का इंतजार है। क्या यहां वसुंधरा को पार्टी फिर मौका देगी या रेस में शामिल किसी एक नाम पर सहमति बनेगी? या फिर यहां भी एमपी और छत्तीसगढ़ की तरह अचानक ऐसा नाम सामने आएगा जो अब तक रेस में नहीं है, इन तमाम सवालों के जवाब आज मिल जाएंगे।

दरअसल, राजस्थान में बीजेपी विधायक दल की बैठक आज (12 दिसंबर) होगी। यहां के लिए नियुक्त तीनों पर्यवेक्षक सुबह 11 बजे जयपुर पहुंचेंगे और विधायकों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद सीएम के नाम पर चर्चा होगी और फिर पार्टी की तरफ से नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।

तीन दिसंबर को आए नतीजों के बाद से ही राजस्थान में सीएम को लेकर घमासान मचा हुआ है। वसुंधरा राजे 6 दिसंबर को दिल्ली पहुंची थीं और यहां तीन दिनों तक रहीं। इस दौरान वह जेपी नड्डा, अमित शाह और पार्टी के कई सीनियर लीडर से मिली थीं।

कौन-कौन हैं रेस में

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की सबसे बड़ी दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया हैं। वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, अर्जुन मेघवाल, सीपी जोशी, बाबा बालक नाथ, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दिया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा, ओम बिरला और ओम माथुर भी मुख्यमंत्री पद के रेस में हैं।

वसुंधरा राजे मानने को तैयार नहीं

बता दें कि वसुंधरा राजे ने लगातार शक्ति प्रदर्शन कर पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कहा जा रहा है कि वह सीएम का पद मांग रही हैं और इससे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनके आवास पर विधायकों की आवाजाही लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार (11 दिसंबर) को वसुंधरा को कॉल कर विधायकों से मिलने से मना किया था। इस पर वसुंधरा ने एक साल के लिए सीएम का पद मांगा, पर नड्डा ने उन्हें विधानसभा स्पीकर का पद ऑफर किया। वसुंधरा राजे ने स्पीकर बनने से इंकार कर दिया। अब देखना है कि पार्टी वसुंधरा राजे की जिद के आगे झुकती है या फिर नए चेहरे को मौका देती है।

कौन-कौन हैं पर्यवेक्षक

राजस्थान में सीएम के एलान में हो रही देरी और लगातार बढ़ते दावेदारों के बीच पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने यहां के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे और इन्हें विधायकों संग बैठक कर एक नाम पर सहमति बनाने की जिम्मेदारी दी थी। इन पर्यवेक्षकों में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े शामिल हैं। ये तीनों आज सभी विधायकों से बात करेंगे।

बीजेपी के पास है 115 सीटें

राजस्थान में इस बार बीजेपी ने 199 सीटों में से 115 सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 69 सीटें आईं थीं।

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