बीकानेर: बीकानेर के जिला कलेक्टर ने जिले में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर जिला छोड़ने का आदेश दिया है। उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकों की उपस्थिति से कानून-व्यवस्था पर खतरे का हवाला देते हुए इस आशय का आदेश जारी किया है। जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने कहा कि यह निषेधाज्ञा आदेश सोमवार को जारी किए गए। ये आदेश उन पाकिस्तानी नागरिकों पर लागू नहीं होंगे जिन्होंने भारत के विदेशी नागरिक पंजीयन कार्यालय (एफआरओ) में खुद का पंजीयन करवा रखा है।
गौतम के अनुसार, दीर्घकालिक वीजा पर भारत आकर आजीविका के लिए यहां काम करने वाले तथा किसी अन्य जगह का वीजा लेकर बीकानेर में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिक इस आदेश के दायरे में आते हैं। जिला कलेक्टर ने कहा, यह संवेदनशील इलाका है इसलिए निषेधाज्ञा आदेश जारी किए गए हैं। होटल व अन्य प्रतिष्ठानों से कहा गया है कि वे ऐसे लोगों को अपने यहां नहीं रुकने दें और न ही उन्हें किसी काम पर रखें। हालांकि कलेक्टर ने यह नहीं बताया कि जिले में कितने पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं।
आदेश में कहा गया है कि यह उन पाकिस्तानी नागरिकों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने खुद को एफआरओ के यहां पंजीबद्ध करवा लिया। गौरतलब है कि भारत आने वाले अनेक पाकिस्तानी हिंदू जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर व बीकानेर सहित अनेक स्थानों पर रहते हैं।
ज्यादातर पाक हिंदू विस्थापित
जोधपुर में पाक हिंदू विस्थापितों से जुड़े मुद्दों पर काम कर रहे जोधपुर के कार्यकर्ता हिंदू सिंह सोढा ने कहा कि जिला प्रशासन को इस तरह का आदेश जारी करने के बजाय अपंजीकृत हिंदू विस्थापितों का पंजीकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 25000 पाक विस्थापितों में से करीब 5000 ने अपना पंजीकरण एफआरओ में नहीं करवाया है। ज्यादातर पाक हिंदू विस्थापित जोधपुर में रहते हैं और बीकानेर में इनकी संख्या बहुत ही कम है।
यह आदेश दो महीने तक प्रभावी
जिला मजिस्ट्रेट गौतम ने अपने आदेश में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत बीकानेर राजस्व सीमा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर जिला छोड़ने का आदेश दिया है। यह आदेश पुलवामा आतंकी घटना के बाद आम लोगों में पाकिस्तान के प्रति रोष को देखते हुए जारी किया गया है। आदेश दो महीने तक प्रभावी होगा।
अन्य जिले में यह आदेश जारी नहीं
पश्चिमी राजस्थान के चार जिलों बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर व श्रीगंगानगर की सीमा पाकिस्तान से लगती है। बीकानेर के अलावा किसी अन्य जिले में इस तरह के आदेश जारी नहीं किए गए हैं।