जयपुर: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नवीन चावला ने चुनावों में धनी उम्मीदवारों की जीत पर सवाल उठाते हुए शनिवार को कहा कि क्या उनकी जीत जनता की आवाज है? जयपुर साहित्योत्सव के एक कार्यक्रम में चावला ने कहा कि हमारी संसद में धनाढ्य लोग हैं। इनमें अनेक उद्योगपति और व्यापारी शामिल हैं। उन्हें कई बार संसदीय समितियों में ऐसे पद मिल जाते हैं, जो सीधे तौर पर हितों के टकराव वाले होते हैं। एक व्यक्ति जो अब भगोड़ा है, उसे नागर विमानन मामलों पर संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया था। यह तर्क दिया गया था कि उसे इस क्षेत्र की जानकारी है।
उन्होंने कहा कि हम धनी और शक्तिशाली संसद बनने की ओर तो बढ रहे हैं, लेकिन संसद में आज जो लोग हैं, क्या वे आम जनता की आवाज का प्रतिनिधित्व करते हैं? चावला ने चुनावों में धनबल और बाहुबल के इस्तेमाल पर भी चिंता जताई। उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि जनता को ईवीएम पर भरोसा रखना चाहिए।