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नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग पर जहां एक तरफ सरकार सख्त नजर आ रही है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के स्पेशल डीजी ने इस मामल में पुलिस की लापरवाही की बात स्वीकार कर ली है। इस मामले में असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर(एएसआई) को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही तीन कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान के स्पेशल डीजीपी एनआरके रेड्डी ने ये माना की पुलिस द्वारा उस वक्त ये फैसला लेने में लापरवाही हुई थी कि उन्हें पहले क्या करना चाहिए।

स्पेशल डीजी ने इसमें अपनी गलती स्वीकार की और कहा अगर सही समय में पुलिस ने कार्यवाही की होती तो ये घटना ना होती। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। स्पेशल डीजीपी एनआरके रेड्डी ने कहा कि मौका-ए-वारदात को देखने पर पाया गया कि अगर समय पर पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचा दिया होता तो उसकी मौत नहीं होती। इस घटना में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में भी ले लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही हैं।

 

सरकार ने मांगी एक हफ्त में रिपोर्ट:-

केंद्र ने गो तस्करी के शक में अलवर में रकबर की कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार को इस घटना का विवरण, उसमें शामिल लोगों को दंडित करने के लिए की गयी कार्रवाई और शांति बहाली के लिए उठाये गये कदम का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। राज्य सरकार से जल्द से जल्द इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।

देशभर में लगातार हो रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है। सरकार ने इससे निपटने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित करने का फैसला किया है। जिसे चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा केंद्र ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) भी बनाने का फैसला किया है जो हाई लेवल कमेटी की अनुशंसाओं पर विचार करेगी। जीओएम अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेगा।

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