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जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर से गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने मौत के खूनी खेल को अंजाम दिया है। देश के अन्य इलाकों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बीच अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि मृतक का नाम अकबर है। दरअसल, अकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें अकबर की मौत हो गई। यह घटना शुक्रवार रात की है और इस मामले की जांच की जा रही है।

बताया जा रहा है कि मृतक अकबर का साथी असलम किसी तरह भीड़ से बचकर भागने में कामयाब रहा। वे दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम बताए जा रहे हैं। हैरान करने वाली बात है कि यह मामला ऐसा वक्त में आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है। अलवर के एएसपी अनिल बैजल ने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वे लोग गो तस्कर थे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हम लोग दोषियों को शिनाख्त करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी।

गोरक्षा के नाम पर मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के महज चार दिन बाद आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में केंद्र और राज्यों को लागू करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोई नागरिक अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता। ये राज्य सरकारों का फर्ज है कि वो कानून व्यस्था बनाये रखें। कोर्ट ने कहा कि संसद इसके लिए कानून बनाए, जिसके भीड़ द्वारा हत्या के लिए सजा का प्रावधान हो। गोरक्षा के नाम पर मौत के मामले में सुनवाई के दौरान सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा था कि मॉब लिंचिंग जैसी हिंसा की वारदातें नहीं होनी चाहिए चाहे कानून हो या नहीं। कोई भी ग्रुप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता। ये राज्यों का दायित्व है कि वो इस तरह की वारदातें न होने दें।

बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में ही साल भर पहले कथित तौर पर गौरक्षकों के हाथों पहलू खान की भी हत्या कर दी गई थी। पिछले साल एक अप्रैल को पहलू खान मवेशियों को लेकर जा रहे थे जब संदिग्ध गौरक्षकों ने जमकर उसकी पिटाई की थी। दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान वह चल बसा।

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