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जयपुर: राजस्थान के श्रम विभाग के आयुक्त ने एक परिपत्र जारी कर विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को गरिमामय पोशाक शर्ट और पैंट में आने को कहा है। विभाग के अधिकारियों,कर्मचारियों को जींस और टीशर्ट में नहीं आने को कहा गया है क्योंकि ऐसे कपड़े पहनना कार्यालय की गरिमा के खिलाफ हैं। श्रम आयुक्त गिरिराज सिंह कुशवाहा ने बीते 21 जून को इस आशय का परिपत्र जारी किया था, उसके बाद कर्मचारी यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

विभाग की ओर से जारी परिपत्र मे कहा गया है कि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अक्सर जींस और टीशर्ट, तथा अन्य अशिष्ट पहनावे में देखा गया, जो विभाग की गरिमा के विरुद्ध है। इसलिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से विभाग की गरिमा बनाए रखने के लिए यह उम्मीद की जाती है कि कार्यालय में पैंट और शर्ट (गरिमामय पोशाक) में आएं। आयुक्त ने इसे न्यायसंगत बताते हुए कहा कि यह कार्यालय की गरिमा बनाए रखने के लिए जरूरी था।

श्रम आयुक्त गिरिराज सिंह कुशवाहा ने बताया कि यह कार्यालय की गरिमा और अनुशासन बनाए रखने के लिए किया गया है। उन्होंने इससे पूर्व भी इसी तरह के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि उन्हें परिपत्र के बारे में किसी भी कर्मचारी की ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। ऑल राजस्थान एम्प्लॉइज फेडरेशन (यूनाइटेड) के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ने बताया कि फेडरेशन इसका विरोध करेगी और आयुक्त को परिपत्र वापस लेने के लिए एक ज्ञापन दिया है।

आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा जींस और टीशर्ट किस तरह से अशोभनीय और अपमानजनक पोशाक हो सकती हैं, इस तरह के कोई ऐसे सेवा नियम नहीं है, और हम इस अलोकतांत्रिक परिपत्र का विरोध करते हैं। इससे पहले राज्य के शिक्षा विभाग ने सरकारी महाविद्यालयों को जारी परिपत्र में नए शिक्षा सत्र से विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड और तय ड्रेस पहनकर नहीं आने वाले विद्यार्थियों को वापस लौटाने को कहा गया था। ड्रेस कोड में विद्यार्थियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर रोक लगाई गई है।

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