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नई दिल्ली: उत्तर भारत में ठंड और कोहरे की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों तक उत्तर भारत में घना कोहरा होने की संभावना जताई है। इसके अलावा अगले तीन दिनों तक गंभीर शीत दिवस के स्थिति बने रहने के भी आसार हैं। वहीं, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 25 जनवरी को हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
उत्तर भारत में कोल्ड डे से सीवियर कोल्ड की स्थिति
मौसम विभाग ने बताया कि 23 जनवरी को उत्तराखंड के अलग-अलग जगहों पर जमीन पर पाला पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 27 जनवरी तक सुबह और रात के दौरान कुछ घंटों के लिए घना कोहरा छाए रहने की उम्मीद है।
इसके अलावा राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में 26 जनवरी तक सुबह के समय और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रात और सुबह में कुछ घंटों के लिए घने से बहुत घने कोहरे रहने के आसार हैं।
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नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त है। सिंह ने कहा कि अयोध्या का आयोजन क्रांतिकारी कार्य था, जो इस पल के गवाह रहे वे लोग भाग्यशाली हैं।
रक्षामंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नई दिल्ली के एक शिव मंदिर में दर्शन किए और इसके बाद यह टिप्पणी की। राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यह क्रांतिकारी कार्य हो रहा है। प्रत्येक व्यक्ति महसूस कर रहा है कि नए युग की शुरुआत हो रही है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के फलस्वरूप हम सभी महसूस कर रहे हैं कि लंबे समय के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम अयोध्या वापस आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, यह हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है। हम सभी भाग्यशाली हैं कि हमें इस क्षण का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है।
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नई दिल्ली: बरसों बाद राम भक्तों का सपना सच हो गया है। अयोध्या के राम मंदिर में गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। अब राम भक्त, भगवान राम की जन्मभूमि पर ही उनका पूजन कर पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार के कार्यकाल में अरसों पुराना ये सपना सच हुआ है। ऐसे खास समय में अयोध्या के इतिहास को जानना भी जरूरी है। आपको बताते हैं अयोध्या में बाबरी मसजिद-राम जन्मभूमि से जुड़ा पूरा इतिहास।
1751: जब निहंग सिखों ने मस्जिद में लिखा था श्रीराम का नाम
यह किस्सा 1528 की है...जब मुगल शासक बाबर भारत आया। 2 साल बाद बाबर के सेनापति मीरबाकी ने अयोध्या में एक मस्जिद का निर्माण करवाया। ऐसा कहा जाता है कि यह मस्जिद वहीं बनाया गया, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। लेकिन मुगलों और नवाबों के शासनकाल में हिंदू मुखर नहीं हो पाए। 19 वीं सदी में जब मुगल शासक की पकड़ भारत में कमजोर हुई, तो अंग्रेजी हुकूमत प्रभावी था। इसके कुछ दिनों बाद भगवान राम के जन्मस्थल को वापस पाने की लड़ाई शुरू हुई।
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अयोध्या (जनादेश ब्यूरो): राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा कि हमारे राम आ गए हैं। अब रामलला टेंट में नहीं रहेंगे बल्कि अब वो एक भव्य मंदिर में रहेंगे। इस मौके पर सीएम योगी ने भी आम जनता को संबोधित किया। सीएम योगी ने इस दौरान कहा कि मंदिर वहीं बना है जहां इसे बनाने का हमने संकल्प लिया था।
भारत की न्यायपालिका का आभार: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये सिर्फ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं है। ये सर्वोच्च आदर्शों और मूल्यों की भी प्राण प्रतिष्ठा है। ये राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। राम भारत की आस्था, राम भारत का विचार, राम भारत का विधान, राम भारत की चिंता, राम भारत का प्रताप है, राम प्रभाव, राम नीयत भी, राम निरंतरता भी है। राम व्यापक है। राम विश्व है। इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है। उन्होंने कहा, मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का जिसने ये फैसला दिया। ये मंदिर न्यायबद्ध तरीके से बना है।
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