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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 सीटों पर आज तीसरे चरण का मतदान है। जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग और राजौरी सीट पर 25 मई तक के लिए चुनाव टाल दिया गया है।

आज तीसरे चरण के मतदान के साथ ही 543 लोकसभा सीटों में से आधी से ज्यादा सीटों पर मतदान खत्म हो जाएगा। बीजेपी ने सूरत सीट निर्विरोध जीत ली है, क्योंकि चुनाव आयोग ने कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन खारिज कर दिया है, साथ ही अन्य उम्मीदवार भी पीछे हट गए।

तीसरे चरण में ज्यादातर बीजेपी का गढ़ माने जा रहे क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। आज जिन 93 सीटों पर वोटिंग हो रही है, साल 2019 में बीजेपी ने उनमें से 72 सीटें जीतीं थीं, जिनमें से 26 सीटें अकेले गुजरात में हैं।

कर्नाटक, दूसरा राज्य है जहां बीजेपी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। राज्य में बड़े पैमाने पर सेक्स स्कैंडल के मुद्दे को देखते हुए यह बीजेपी के लिए नुकसान का कारण साबित हो सकता है। इस मुद्दे की वजह से बीजेपी की सहयोगी जेडीएस प्रभावित हुई है। हालांकि बीजेपी ने खुद को इस स्कैंडल से दूर रखने की कोशिश की है।

नई दिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत सात मई यानी आज 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 94 सीट के लिए मतदान होगा। तीसरा चरण बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले आम चुनाव में गुजरात, कर्नाटक, बिहार और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में स्थित इन निर्वाचन क्षेत्रों में से अधिकतर पर एनडीए को जीत मिली थी। कुल 93 सीट के लिए 1300 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 120 महिलाएं हैं, मतदाताओं की संख्या 11 करोड़ से अधिक है।

प्रधानमंत्री मोदी और शाह के गुजरात पहुंचने की उम्मीद है और दोनों नेता गांधीनगर लोकसभा सीट के तहत अहमदाबाद शहर के मतदान केंद्र पर अपना वोट डालेंगे। इस चरण में जिन सीट पर चुनाव होगा, उनमें गुजरात की 25, कर्नाटक की 14, महाराष्ट्र की 11, उत्तर प्रदेश की 10, मध्य प्रदेश की नौ, छत्तीसगढ़ की सात, बिहार की पांच, पश्चिम बंगाल और असम की चार-चार और गोवा की दो सीट शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश की संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली संसदीय सीट पर मतदान होगा।

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। बीते दिनों विश्वविद्यालय प्रमुखों की चयन प्रक्रिया पर राहुल ने सवाल खड़ा किया था। इस दौरान उन्होंने कुलपतियों के चयन को लेकर टिप्पणी की थी। जिसका विरोध जताते हुए अब कई विश्वविद्यालय के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने खुला पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

पत्र में लिखा गया है, ‘जिस प्रक्रिया से कुलपतियों का चयन किया जाता है, वह योग्यता, विद्वतापूर्ण विशिष्टता और अखंडता के मूल्यों पर आधारित कठोर, पारदर्शी कठोर प्रक्रिया की विशेषता है। चयन पूरी तरह से शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित है और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है।'

पत्र में आगे लिखा गया है कि देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति और अकादमिक नेताओं के चयन प्रक्रिया के संबंध में हाल ही में दिए गए आधारहीन आरोपों का खंडन किया जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और कार्यालय को बदनाम किया है।

अहमदाबाद: कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में 2014 की बातें दोहरा रहे हैं और उन्होंने उन पर मुसलमानों के लिए कोटे को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरोप है कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग) का कोटा छीनकर इसे तुष्टीकरण की राजनीति के तहत मुसलमानों को देना चाहती है।

कांग्रेस के सोशल मीडिया और डिजिटल मंचों की प्रमुख श्रीनेत ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में एक साक्षात्कार में कहा था कि गुजरात और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकारें पहले ही मुसलमानों को ओबीसी के रूप में आरक्षण दे चुकी हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘उनके 10 वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहने के बाद, हमें लगा कि वह अब लोगों का सामना करेंगे और अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे तथा अपनी सरकार की उपलब्धियों पर वोट मांगेंगे। इसके बजाय, वह 2024 में 2014 का ही भाषण पढ़ रहे हैं। वह कांग्रेस और इसके नेताओं के सिवा कोई बात नहीं कर रहे। तो इन 10 वर्षों में  प्रधानमंत्री क्या कर रहे थे?''

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