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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के आरक्षण हटाओ अभियान का मंत्र है- न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी, मतलब न रहेगी सरकारी नौकरी, न मिलेगा आरक्षण। उन्होंने सोशन मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘अंधे निजीकरण’ से सरकारी नौकरियों को ख़त्म कर चुपके-चुपके दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों से आरक्षण छीन रही है।

राहुल ने कहा कि 2013 में पब्लिक सेक्टर में 14 लाख स्थायी पद थे, जो 2023 तक आते आते सिर्फ 8.4 लाख ही बचे। उन्होंने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएलएल), स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल), भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) आदि जैसे टॉप पीएसयूस को बर्बाद कर लगभग 6 लाख पक्की नौकरियां सिर्फ पब्लिक सेक्टर से ही ख़त्म कर दी गई। ये सब वही पद हैं, जहां आरक्षण का लाभ मिलता। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकारी कार्यों को ठेके पर देकर रेलवे जैसे संस्थानों में जो नौकरियां बैक डोर से ख़त्म की जा रही हैं, उनकी तो कोई गिनती ही नहीं है।

निजीकरण’ से वंचितों का आरक्षण छीना जा रहा है: राहुल

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी मॉडल का ‘निजीकरण’ देश के संसाधनों की लूट है, जिसके ज़रिए वंचितों का आरक्षण छीना जा रहा है।

राहुल ने कहा कि कांग्रेस की गारंटी है- हम पब्लिक सेक्टर्स को मज़बूत करेंगे और 30 लाख रिक्त सरकारी पदों को भर कर हर वर्ग के लिए रोज़गार का द्वार खोल देंगे।

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