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नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अब चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना भी पॉस्‍को के तहत अपराध माना जाएगा। इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री लाने के लिए अध्यादेश जारी करने का भी अनुरोध किया और साथ ही सभी हाई कोर्ट से बाल पोर्नोग्राफी शब्द का उपयोग न करने के लिए भी कहा है।

मद्रास हाई कोर्ट का फैसला पलटा

मद्रास हाई कोर्ट ने इसी आधार पर अपने मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट रखने के एक आरोपी के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर मामले को फिर से सेशन कोर्ट भेजा है। बच्चों के अधिकार के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

नई दिल्ली: हाल के सालों में हाशिए पर मौजूद समुदायों के खिलाफ अत्याचारों का मुद्दा अहम रहा है। अब नई सरकारी रिपोर्ट में एक चिंताजनक सच सामने आया है। अनुसूचित जाति के खिलाफ 2022 में अत्याचार के सभी मामलों में से लगभग 97.7 प्रतिशत मामले 13 राज्यों में दर्ज किए गए, जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ऐसे सबसे अधिक अपराध दर्ज किए गए। एक नयी सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मामले

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत नवीनतम सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ अधिकांश अत्याचार भी इन 13 राज्यों में केंद्रित थे, जहां 2022 में सभी मामलों में से 98.91 प्रतिशत मामले सामने आए।

अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ कानून के तहत 2022 में दर्ज किए गए 51,656 मामलों में से, उत्तर प्रदेश में 12,287 के साथ कुल मामलों का 23.78 प्रतिशत हिस्सा था।

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यूएस में सिखों पर दिए बयान पर पहली बार सफाई दी है। अमेरिका में अपने हालिया बयानों के बारे में बात करते हुए राहुल ने भाजपा पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

भाजपा सच्चाई बर्दाश्त नहीं कर सकतीः राहुल

राहुल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए सिखों से पूछा कि क्या उन्होंने जो कहा उसमें कुछ गलत है और क्या भारत ऐसा देश नहीं होना चाहिए जहां हर भारतीय बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन कर सके। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा उन्हें चुप कराने के लिए बेताब है, क्योंकि वे सच्चाई बर्दाश्त नहीं कर सकते।

सिखों से भी किया सवाल

राहुल ने आगे कहा कि भाजपा अमेरिका में मेरे बयानों के बारे में झूठ फैला रही है। मैं भारत और विदेश में हर सिख भाई-बहन से पूछना चाहता हूं, क्या मैंने जो कहा उसमें कुछ गलत है?क्या भारत ऐसा देश नहीं होना चाहिए जहां हर सिख और हर भारतीय बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन कर सके?

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों को असंवैधानिक करार दिया और उन्हें रद्द कर दिया। इन संशोधनों में सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी सामग्री की पहचान करने की मांग की गई थी।

इससे पहले जनवरी में संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडपीठ द्वारा विभाजित फैसला सुनाया गया था, जिसके बाद मामले को न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर को टाई-ब्रेकर जज के रूप में सौंपा गया था। न्यायमूर्ति चंदुरकर ने शुक्रवार को कहा कि नियमों ने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

नियमों को संविधान के अनुच्छेदों का बताया उल्लंघन

न्यायाधीश ने कहा, 'मैंने मामले पर विस्तार से विचार किया है। विवादित नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 19 (1) (जी) (व्यवसाय की स्वतंत्रता और अधिकार) का उल्लंघन करते हैं।'

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