मुंबई: निदेशक अली अब्बास जफर ने सलमान खान की प्रशंसा करते हुए कहा है कि सुपरस्टार ‘सुल्तान’ में काम करने के लिए पूरी तरह से सपर्पित थे। अली ने कहा, ‘ वह (सलमान) शांत नहीं थे। कागजों पर वह जानते थे कि वह शांत रहना बर्दाशत नहीं कर सकते थे क्योंकि इस फिल्म में उन्हें कड़ी मेहनत करनी थी क्योंकि वह इंजन के साथ दौड़ लगा रहे है.. कुश्ती में वजन बढ़ता-घटता है। शारीरिक तौर पर यह फिल्म बहुत चुनौतीपूर्ण थी।’ अली के मुताबिक, कड़े प्रशिक्षण सत्रों और जिम में पसीना बहाने के बाद भी 50 वर्षीय अभिनेता ने कभी शिकायत नहीं की। निर्देशक ने कहा, ‘ सिर्फ मुश्किल वाले दिन वह कहते थे क्या मैं एक आईसक्रीम खा सकता हूं.. और जिस दिन उन्होंने इसे पूरा किया उस दिन उन्होंने चार आईसक्रीम खाई।’ ‘बजरंगी भाइजान’ के स्टार को अली के निर्देश के मुताबिक अपने वजन में कमी बढ़ोतरी करनी पड़ी। पहले उन्होंने अपना वजन 100 किलोग्राम किया, फिर वह इसे घटाकर 90 किलोग्राम पर लाए और इसके बाद 82 किलोग्राम पर। उन्होंने कहा, ‘ 50 साल की उम्र में और सिर्फ छह से आठ महीने के दौरान यह सब करना बहुत मेहनत लेता है। यहां तक कि जब वह सेट पर काम नहीं कर रहे होते थे तब भी उन्हें चार घंटे का प्रशिक्षण लेना होता था। ’ अली ने कहा कि सलमान जानते थे कि वह 40-50 फीसद फिल्म में लंगोट में नजर आएंगे।
उन्होंने कहा कि सलमान काफी वक्त तक फिल्म में लंगोट पहनना नहीं चाह रहे थे। हम ने कोच से कहा कि उन्हें लंगोट पहनने के लिए बोलें तो सलमान राजी हो गए क्योंकि ऐसा करने के लिए उनके गुरू ने कहा था। शूट शुरू होने के दिन सलमान लंगोट पहनने के लिए इच्छुक नहीं थे क्योंकि सेट पर 6000 लोग थे। निर्देशक ने कहा ‘ सलमान बाहर आने में शर्म महूसस कर रहे थे। मैंने उन्हें मनाया। मैंने सेट पर सबको चुप रहने के लिए कहा। फिर वह बाद में बहुत हॉट महसूस कर रहे थे और फिर उन्हें यह पसंद आने लगा।’